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HDFC Bank ने नए साल में करोड़ों ग्राहकों को दिया तोहफा! घटाया MCLR, कम होगी होम लोन EMI

HDFC Bank Home Car Loan Interest Rate: देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC के ग्राहकों को नए साल में तोहफा दिया है। HDFC ने कुछ पीरियड के लोन पर MCLR को 0.05 फीसदी घटा दिया है। ये MCLR रेट ओवरनाइट, छह महीने, एक साल और तीन साल पीरियड पर घटाया है

अपडेटेड Jan 08, 2025 पर 3:37 PM
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HDFC Bank ने अपने करोड़ों ग्राहकों को नए साल में तोहफा दिया है।

HDFC Bank Home Car Loan Interest Rate: देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC के ग्राहकों को नए साल में तोहफा दिया है। HDFC ने कुछ पीरियड के लोन पर MCLR को 0.05 फीसदी घटा दिया है। ये  MCLR रेट ओवरनाइट, छह महीने, एक साल और तीन साल  पीरियड पर घटाया है। इन सभी पीरियड के रेट पर बैंक ने 0.05 फीसदी रेट कम किया है। बाकि, पीरियड पर MCLR पहले जैसा ही है। HDFC Bank की नई MCLR रेट 7 जनवरी 2025 से लागू हो गई है। यहां जानें MCLR घटने या बढ़ने से आप पर क्या होता है असर?

एचडीएफसी बैंक की नई MCLR दरें - 7 जनवरी 2025 से लागू

एचडीएफसी बैंक के ओवरनाइट एमसीएलआर 9.15 फीसदी कर दी है। ये पहले 9.20 फीसदी थी, जिसमें 0.05 फीसदी रेट घटाया गया है।


एक महीने का एमसीएलआर 9.20 फीसदी है। इसमें बदलाव नहीं किया गया है।

तीन महीने की एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत है। इसमें बदलाव नहीं किया गया।

छह महीने की एमसीएलआर 9.45 फीसदी थी, जिसे घटाकर 9.40 फीसदी कर दिया गया है। बैंक ने इसमें रेट 0.05 फीसदी घटाया है।

एक साल का एमसीएलआर 9.45 फीसदी था जिसे घटाकर 9.40 फीसदी कर दिया गया है। इसमें बैंक ने 0.05 फीसदी रेट घटा दिया है।

2 साल से अधिक पीरियड के लिए एमसीएलआर 9.45 फीसदी है। इसमें बदलाव नहीं किया गया।

3 साल से अधिक पीरियड के लिए एमसीएलआर 9.50 फीसदी था, जिसे घटाकर 9.45 फीसदी कर दिया गया है। इसमें 0.05 फीसदी का बदलाव कर दिया गया है।

MCLR बढ़ने या घटने से क्या होता है?

बैंक के MCLR रिवाइज करने से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के फ्लोटिंग लोन की ईएमआई पर असर पड़ता है। MCLR बढ़ने पर लोन का इंटरेस्ट बढ़ जाता है और घटने पर घटता है। आपके होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की EMI का इंटरेस्ट इसके जरिये तय होता है।जैसे अगर आप कार या घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको लोन पहले की तुलना मे सस्ता मिलेगा। इसके अलावा जिनका पहले से लोन चल रहा है, उनकी मंथली लोन की EMI थोड़ी कम हो सकती है।

कैसे तय होता है MCLR?

एमसीएलआर तय करते समय कई कारणों को ध्यान में रखा जाता है। इसमें डिपॉजिट रेट, रेपो रेट, ऑपरेशनल कॉस्ट और कैश रिजर्व रेशो को बनाए रखने की कॉस्ट शामिल है। रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बदलाव का असर MCLR रेट पर पड़ता है। एमसीएलआर में बदलाव से आपके लोन की ब्याज दर पर असर पड़ता है, जिससे लोन लेने वालों की ईएमआई बढ़ जाती है। एमसीएलआर के बढ़ने और घटने का असर आपके लोन की EMI घटती या बढ़ती है।

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MoneyControl News

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First Published: Jan 07, 2025 12:33 PM

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