इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के बगैर जीएसटी छूट से महंगे होंगे हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस

इंश्योरेंस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने का कदम स्वागतयोग्य है। लेकिन, अगर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के बिना ऐसा किया जाता है तो इससे प्रीमियम 7-10 फीसदी तक बढ़ सकता है। इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स महंगे होने से इनमें लोगों की दिलचस्पी घट सकती है

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 2:39 PM
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अभी इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर आईटीसी के साथ 18 फीसदी जीएसटी लागू है।

मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने इंडिविजुअल लाइफ और हेल्थ पॉलिसी को जीएसटी से छूट देने की सिफारिश की है। हालांकि, इस बारे में जीओएम ने कुछ नहीं कहा है कि जीएसटी से छूट इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के बिना दी जाएगी या इसके साथ दी जाएगी। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर स्थिति स्पष्ट किए बगैर हेल्थ और लाइफ पॉलिसी पर जीएसटी हटाने की चर्चा ने इंश्योरेंस कंपनियों को चिंता में डाल दिया है।

इंश्योरेंस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने का कदम स्वागतयोग्य है। लेकिन, अगर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के बिना ऐसा किया जाता है तो इससे प्रीमियम 7-10 फीसदी तक बढ़ सकता है। इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स महंगे होने से इनमें लोगों की दिलचस्पी घट सकती है। इंश्योरेंस कंपनियां इस बारे में अपनी चिंता के बारे में लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल, जनरल इंश्योरेंस काउंसिल, IRDAI और फाइनेंस मिनिस्ट्री को बतानी चाहती हैं।

अभी इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर आईटीसी के साथ 18 फीसदी जीएसटी लागू है। अगर इंश्योरेंस कंपनी को 100 रुपये प्रीमियम मिलता है तो 95 रुपये उसकी जेब में जाता है।


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इस मामले में 18 फीसदी जीएसटी प्लस आईटीसी के साथ 95 रुपये नेट कलेक्शन के बजाय 100 रुपये के ग्रॉस प्रीमियम पर नेट प्रीमियम कलेक्शन 87 रुपये है। इससे इंश्योरेंस कंपनी का प्रति पॉलिसी डेफिसिट 8 रुपये बढ़ जाता है। इस डेफिसिट को भरने के लिए उन्हें इसके बराबर प्रीमियम को बढ़ाना होगा।

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इस मामले में 100 रुपये के ग्रॉस कलेक्शन पर नेट प्रीमियम कलेक्शन 96.5 रुपये होगा। यह 18 फीसदी जीएसटी और आईटीसी के साथ मौजदा 95 रुपये नेट क्लेक्शन और जीओएम की सिफारिश लागू होने पर 87 रुपये के नेट कलेक्शन के मुकाबले ज्यादा है।

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सूत्रों ने बताया कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री का मानना है कि इंश्योरेंस प्रीमियम में तभी कमी आएगी और पॉलिसीहोल्डर्स को फायदा होगा, जब इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के साथ हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस (इंडिविजुअल पॉलिसीज) को जीएसटी से छूट दी जाती है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Aug 21, 2025 2:30 PM

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