CGHS: केंद्र सरकार ने सीजीएचएस कार्डहोल्डर के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के आश्रित ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन भी CGHS यानी सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और CS(MA) Rules, 1944 के तहत इलाज की सुविधा मिलेगी। इनके इलाज के लिए उम्र की भी कोई सीमा नहीं होगी। यह फैसला ट्रांसजेंडर पर्सन्स प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स एक्ट 2019 के मुताबिक है। ये हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक ऑफिस मेमोरेंडम के जरिए लागू किया है।
इस नई व्यवस्था का फायदा उठाने के लिए दो शर्तें जरूरी होंगी। पहला, ट्रांसजेंडर आश्रित पूरी तरह केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनर पर निर्भर हों और उनकी मंथली इनकम 9,000 से ज्यादा न हो। इसमें डियरनेस रिलीफ को भी जोड़ा जाएगा। दूसरा, जिला मजिस्ट्रेट का जारी प्रमाणपत्र होना चाहिए, जो ट्रांसजेंडर की पहचान को साबित करेगा।
अब तक CGHS नियमों में अलग-अलग आश्रितों के लिए उम्र की शर्तें तय थीं। बेटे को 25 साल तक या कमाई या शादी होने तक सुविधा मिलती है। बेटियों को शादी या कमाई होने तक कवर मिलता है। लेकिन ट्रांसजेंडर बच्चों और भाई-बहनों के लिए अब कोई उम्र सीमा नहीं रहेगी। जब तक वे आय और निर्भरता की शर्तें पूरी करते हैं, वे इलाज की सुविधा के हकदार बने रहेंगे।
यह बदलाव कई परिवारों के लिए राहत लेकर आया है। पहले ट्रांसजेंडर आश्रित एक निश्चित उम्र पार करने के बाद इस सुविधा से वंचित हो जाते थे, लेकिन अब उन्हें आजीवन मेडिकल कवर मिलेगा। इससे उनका स्वास्थ्य सुरक्षित होगा। ये सरकार की तरफ से उठाया गया अहम कदम है।