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दिल्ली-NCR, मुंबई या बेंगलुरु नहीं... इस शहर ने प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट पर दिया सबसे अधिक मुनाफा

Real estate investment : दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु को दमदार प्रॉपर्टी मार्केट के लिए जाते हैं। लेकिन, एक शहर ने इन तीनों को पीछे छोड़ते हुए प्रॉपर्टी निवेश में सबसे ज्यादा मुनाफा दिया है। यहां निवेशकों को 25% तक कैपिटल गेन मिला है। जानिए क्या है इसकी वजह।

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 3:56 PM
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कोलकाता की हाई-रिटर्न प्रोफाइल के साथ ज्यादा रिस्क भी जुड़ा है।

Real estate investment : कोलकाता प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट के लिए भारत का सबसे प्रॉफिटेबल शहर बनकर सामने आया है। यहां निवेशकों को प्रॉपर्टी बेचने 25% तक का कैपिटल गेन मिला है। Prop-Equity की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रॉपर्टी के दाम में यह तेजी मेट्रो एक्सटेंशन, नए हाईवे और आईटी हब्स के विस्तार जैसे तेज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की वजह से आई है। इससे शहर में प्रॉपर्टी की मांग काफी बढ़ गई है।

दिल्ली-NCR और बाकी शहरों से आगे

रिपोर्ट बताती है कि कोलकाता ने निवेश के मामले में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु जैसे पारंपरिक हब्स को पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली-एनसीआर अभी भी स्थिर 4% सालाना रेंटल यील्ड देता है, खासकर गुड़गांव और नोएडा जैसे इलाकों में। लेकिन कोलकाता की प्रॉपर्टी वैल्यू तेजी से बढ़ने की संभावना उसे हाई रिटर्न चाहने वालों के लिए टॉप चॉइस बना देती है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट्स से होने वाली रेंटल इनकम निवेश का कम से कम 4% कवर कर लेती है। साथ ही, ऐसे शहरों में लिक्विडिटी भी ज्यादा होती है, यानी प्रॉपर्टी जल्दी बेचना आसान होता है।

 3. मार्केट की स्थिति अर्थव्यवस्था में महंगाई और ब्याज दरों की दिशा होम लोन पर सीधा असर डालती है। जब महंगाई बढ़ती है तो बैंक ब्याज दरें ऊपर कर देते हैं ताकि जोखिम कम हो। वहीं स्थिर बाजार में ब्याज दरें अक्सर सस्ती हो जाती हैं। इसलिए टाइमिंग भी अहम फैक्टर है।

कोलकाता में रिस्क भी ज्यादा

हालांकि, रिपोर्ट चेतावनी देती है कि कोलकाता की हाई-रिटर्न प्रोफाइल के साथ ज्यादा रिस्क भी जुड़ा है। यहां लिक्विडिटी कम है, यानी निवेशकों को गेन पाने के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। साथ ही, मार्केट की उठापटक से शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट पर असर पड़ सकता है। दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में भी 15–20% की ग्रोथ दर्ज हुई है। लेकिन, ओवरऑल कैपिटल एप्रिसिएशन में कोलकाता सबसे ऊपर रहा।

निवेश रणनीति कैसी होनी चाहिए

Prop-Equity का सुझाव है कि निवेशकों को अपने फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से चुनाव करना चाहिए। अगर रेगुलर इनकम चाहिए तो दिल्ली-एनसीआर बेहतर है। वहीं, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन के लिए कोलकाता सही विकल्प है। पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों को भी अच्छे विकल्प बताया गया है। क्योंकि यहां रेंटल यील्ड और मध्यम स्तर की प्रॉपर्टी ग्रोथ दोनों मिलती है।

रियल एस्टेट मार्केट पर सुधारों का असर

रिपोर्ट के मुताबिक, RERA और GST जैसे रेगुलेटरी सुधारों ने भारतीय रियल एस्टेट मार्केट को ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनाया है। फ्रॉड का खतरा घटा है और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। 2025 में इस सेक्टर के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और सही जानकारी के आधार पर लिया गया निवेश फैसला निवेशकों के लिए सबसे अहम रहेगा।

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