बच्चे को विदेश पढ़ाना चाहते हैं? जानिए आपको हर महीने SIP में कितना निवेश करना होगा

इंडिया में मातापिता की दिलचस्पी बच्चों को विदेश पढ़ाने में बढ़ रही है। पहले वे ग्रेजुएशन के बाद की पढ़ाई के लिए बच्चे को विदेश भेजना चाहते थे। अब ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए बच्चे विदेश जा रहे हैं। विदेश में पढ़ाई बहुत महंगी है। इसलिए इसके लिए पैसा का इंतजाम करना एक बड़ा चैलेंज है

अपडेटेड May 13, 2024 पर 2:40 PM
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अगर आप विदेश में बच्चे की उच्च शिक्षा चाहते हैं तो जितना जल्द हो सके सेविंग्स की शुरुआत कर देना जरूरी है।

देवेश चक्रवर्ती बैचलर ऑफ साइंस की पढ़ाई करने अमेरिका जा रहे हैं। 18 साल के देवेश ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कोन्नोन स्कूल से साइंस से इंटरमीडियट किया है। वह नॉर्थइस्टर्न यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स और इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई करेंगे। यह पढ़ाई का बदल रहा ट्रेंड है। कुछ साल पहले तक मातापिता बच्चों को पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए बच्चों को विदेश भेजते थे। अब ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए बच्चे विदेश जा रहे हैं।

विदेश में पढ़ाई बहुंत महंगी

विदेश में पढ़ाई बहुंत महंगी है। लेकिन देवेश के पिता इसके लिए तैयार थे। उन्होंने बताया कि बच्चा जब सातवीं क्लास में हो तब मातापिता को बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। सवाल है कि बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए सेविंग्स की शुरुआत किस तरह से की जाए और कितने अमाउंट का फंड इसके लिए पर्याप्त होगा?


कॉलेज मातापिता के एसेट्स की जांच करते हैं

एडुफंड की को-फाउंडर इला दूबे ने कहा कि पहले आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि बेटा या बेटी की दिलचस्पी किस कोर्स में है। उसके बाद यह अहम है कि स्टूडेंट यह कोर्स किस यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूशन से करना चाहता है। बेंगलुरु के आकाश जैन ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के पैसे जुटाना बहुत पहले शुरू कर दिया था। उनका बड़ा बेटा यश Heriot Watt University के दुबई कैंपस में इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट में एमए की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यश की दिलचस्पी फुटबॉल और दूसरे खेलों में है। उनके वीजा और कॉलेज में एडमिशन के लिए कॉलेज का मानना था कि उनके मातापिता के पास करीब 90 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट होना चाहिए।

इनफ्लेशन की वजह से हर साल बढ़ जाती है फीस

आप यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जो फीस देख रहे हैं वह आने वाले सालों में बढ़ जाएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में चार साल के अंडरग्रेजुएट कोर्स में पढ़ाई का खर्च अभी 3.13 लाख डॉलर है। अगर अभी आपका बेटा पांच साल का है तो उसके 18 साल के होने पर यह फीस बढ़कर 5.21 लाख डॉलर हो जाएगी। इसकी वजह है इनफ्लेशन। इसका असर डॉलर के साथ ही रुपये पर भी पड़ता है। इससे हर साल आपके पैसे की वैल्यू घट जाती है।

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जानिए हर महीने कितनी सेविंग्स करनी होगी

अगर आप अभी अपने बच्चे को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 2 साल के एमबीए प्रोग्राम के लिए भेजता चाहते हैं तो करीब 25 लाख रुपये का खर्च आएगा। अगर आपको 18 साल बाद के लिए प्लान करना है तो आपको हर महीने म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में 18,200 रुपये डालने होंगे। इसका रिटर्न सालाना 12 फीसदी माना गया है। लेकिन, अगर आपने बेटो को यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले एमबीए प्रोग्राम के लिए भेजना चाहते हैं तो उसका अभी का खर्च 2.48 लाख डॉलर है। 18 साल बाद यह खर्च बढ़कर करीब 6 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसका मतलब है कि आपको हर महीने 78,000 रुपये महीने म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में हर महीने डालने होंगे।

MoneyControl News

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First Published: May 13, 2024 2:30 PM

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