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घर खरीदें या किराए पर रहें? जानिए आपको किसमें है ज्यादा फायदा

ज्यादातर लोग घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं। फिर हर महीने लोन की EMI का पेमेंट करना पड़ता है। चूंकि, होम लोन लंबी अवधि का लोन है, जिससे EMI के पेमेंट में अनुशासन जरूरी है। EMI पेमेंट में डिफॉल्ट होने पर मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है

Rakesh Ranjanअपडेटेड Feb 04, 2025 पर 12:49 PM
घर खरीदें या किराए पर रहें? जानिए आपको किसमें है ज्यादा फायदा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले 10-15 सालों में जॉब मार्केट में जिस तरह से बदलाव आया है, उससे लोगों की सोच भी बदली है।

क्या आप घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां तो यह अच्छा है। घर खरीदने का फैसला लेने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इससे दो बड़े मकसद पूरे हो जाते हैं। पहला, आपके अपने घर का सपना पूरा हो जाता है। दूसरा, आज आप जिस घर को खरीद रहे हैं, उसकी कीमत 10-15 बाद कई गुनी हो सकती है। इसलिए घर खरीदना एक बड़ा इनवेस्टमेंट है, जिससे लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है।

जॉब मार्केट में स्थितियां बदली हैं

पिछले कुछ सालों में जॉब मार्केट में स्थितियां बदली हैं। सरकारी नौकरियों की संख्या घटी है और प्राइवेट नौकरियों की संख्या बढ़ी है। प्राइवेट नौकरी में जॉब सिक्योरिटी नहीं होती है। सवाल है कि अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आपके लिए घर खरीदना सही रहेगा या किराए के घर में रहना फायदेमंद होगा?

जॉब सिक्योरिटी घटी है

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