Home Loan Tips: होम लोन में छुपे खर्चे से जानें कैसे बचाएं लाखों रुपये और लें स्मार्ट फैसला

Home Loan Tips: होम लोन में प्रोसेसिंग फीस, वैल्यूएशन फीस, लीगल चार्जेज जैसे कई छुपे हुए खर्चे होते हैं, जो ग्राहक को शुरू में नहीं बताए जाते। सावधानी और पूरी जानकारी लेकर लोन लेना जरूरी है ताकि इन अप्रत्याशित खर्चों से बचा जा सके।

अपडेटेड Oct 30, 2025 पर 3:59 PM
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घर खरीदना लगभग हर किसी का सपना होता है, लेकिन होम लोन लेने के दौरान छुपे खर्चे अकसर बजट बिगाड़ देते हैं। कई बार लोग सोचते हैं कि लोन मंजूर हो गया, अब काम खत्म, लेकिन असली परेशानी तब शुरू होती है जब प्रोसेसिंग फीस, वैल्यूएशन फीस, लीगल चार्जेज और इंश्योरेंस जैसे छुपे हुए चार्जेज सामने आते हैं। RBI के नियमों के बावजूद, कई बार बैंक पूरी फीस का ब्रेकअप नहीं देते, जिससे घर खरीदने वाले ग्राहकों को अज्ञात खर्च का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट सुजीत बांगर ने इन छुपे खर्चों से बचने के लिए कुछ जरूरी सलाह दी हैं, जिन पर ध्यान देकर आप लाखों रुपये बचा सकते हैं।

छुपे खर्चों से बचाव के उपाय

सबसे पहले, लोन साइन करने से पहले सही और डिटेल्ड कॉस्ट शीट मांगें। बैंक से पूरी फीस स्पष्ट जानकारी लें ताकि बाद में कोई अप्रत्याशित खर्च न हो। प्रोसेसिंग फीस एक बार का शुल्क होता है, जो बैंक लोन की राशि का लगभग 0.25% से 1% तय करता है। इसके अलावा, वैल्यूएशन फीस और लीगल फीस भी अलग से लग सकती है।


कई बार लोन अधिकारी या Relationship Manager लाइफ इंश्योरेंस को अनिवार्य बताते हैं, जबकि यह जरूरी नहीं होता। आपको सेक्शन 80C के तहत होम लोन ब्याज की छूट पहले ही मिलती है, इसलिए अतिरिक्त इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं होता। इसलिए अलग-अलग बैंकों में आवेदन करने से सही विकल्प चुनना बेहतर रहता है।

टैक्स बेनेफिट और नामकरण में भी बचत

अगर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं, तो दोनों व्यक्ति सेक्शन 80C और 24 के तहत टैक्स लाभ उठा सकते हैं। इससे ₹7 लाख तक का टैक्स डिडक्शन मिल सकता है। इसके अलावा, कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर घर खरीदने पर कम स्टाम्प ड्यूटी लगती है, जिससे ₹2 लाख तक की बचत संभव है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय सावधानी

RERA पोर्टल पर बिल्डर की प्रॉपर्टी का अप्रूवल, लिटिगेशन हिस्ट्री और बिल्डर की विश्वसनीयता को जांचना जरूरी होता है। एग्रीमेंट साइन करने से पहले यह सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में कोई कानूनी दिक्कत न हो। ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) के बिना न रहें, नहीं तो पेनल्टी और घर खाली करने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। अगर बिल्डर देरी करता है तो आप RERA में शिकायत कर सकते हैं।

जागरूकता से लाखों की बचत

होम लोन का पेपरवर्क और प्रक्रिया जितनी आसान लगती है, असल में उतनी नहीं होती। लेकिन थोड़ी जागरूकता और सही जानकारी से आप न केवल अपने खर्चों को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि टेंशन से भी बच सकते हैं। समझदारी से निर्णय लेकर छुपे हुए खर्चों को छोड़ना और सही योजना बनाना चाहिए।

होम लोन लेते वक्त पूरी जानकारी लेकर और एक्सपर्ट की सलाह से छुपे खर्चों से बचा जा सकता है, जिससे आप करोड़ों रुपये के निवेश में बेहतर बचत कर सकते हैं। सही योजना और सावधानी के साथ अपना घर खरीदना आपका सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन सकता है।

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