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हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट कराने के हैं बड़े फायदे, बीमा कंपनी बदलने के बाद भी वेटिंग पीरियड रहेगा बरकरार

Health Insurance Portability: हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने से आप अपनी पॉलिसी बदल सकते हैं। इसमें पहले वाला वेटिंग पीरियड बरकरार रहता है, खर्च कम होता है। कई बार बेहतर अस्पताल नेटवर्क मिल जाता है और क्लेम प्रक्रिया आसान हो जाती है। जानिए डिटेल।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Oct 05, 2025 पर 4:22 PM
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट कराने के हैं बड़े फायदे, बीमा कंपनी बदलने के बाद भी वेटिंग पीरियड रहेगा बरकरार
इंश्योरेंस पोर्टिंग से आप ऐसी पॉलिसी चुन सकते हैं जो पैसे के हिसाब से बेहतर हो।

Health Insurance Portability: मेडिकल इंश्योरेंस पोर्ट करने का मतलब है कि आप अपनी बीमा कंपनी बदल सकते हैं। इससे आपकी पॉलिसी आपकी मौजूदा जरूरतों के हिसाब से फिट हो सकेगी। उम्र के अलग-अलग चरण में हमारी स्वास्थ्य जरूरतें बदलती रहती हैं। जैसे, 20 के दशक में आपको मातृत्व लाभ की जरूरत नहीं होती, लेकिन जब परिवार बनाने का समय आता है, तो यह जरूरी हो जाता है।

इसी तरह, आप ज्यादा कवरेज, OPD सुविधाएं या अंग प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं चाहते हैं। पोर्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप नई कंपनी में बदलते समय पहले से अर्जित लाभ (जैसे वेटिंग पीरियड) खोते नहीं हैं। यानी आपको सब कुछ नए सिरे से शुरू नहीं करना पड़ता।

खर्च कम और बेहतर वैल्यू

बीमा प्रीमियम अलग-अलग कंपनियों में काफी अलग हो सकते हैं। पोर्टिंग से आप ऐसी पॉलिसी चुन सकते हैं जो पैसे के हिसाब से बेहतर हो। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मौजूदा पॉलिसी का प्रीमियम उम्र बढ़ने पर बहुत बढ़ जाता है, तो आप दूसरी कंपनी में पोर्ट होकर वही कवरेज कम प्रीमियम में ले सकते हैं।

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