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एलटीसीजी टैक्स बढ़ने से शेयरों को बेचने पर आपको कितना ज्यादा टैक्स चुकाना होगा?

सरकार ने बजट में शेयरों और इक्विटी म्यचुअल फंडों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ा दिया है। इसे 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। सरकार ने हालांकि एलटीसीजी टैक्स से एग्जेम्प्शन लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी है, लेकिन निवेशकों को अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा

अपडेटेड Jul 25, 2024 पर 7:30 PM
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ऐसे निवेशक जिसे शेयरों की बिक्री से होने वाला प्रॉफिट 2.25 लाख रुपये से कम है, उसे नए नियम में फायदा होगा।

यूनियन बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीज) टैक्स के नियमों में बदलाव हुआ है। इसका असर शेयरों में आपने निवेश पर पड़ेगा। इसका असर आपके मौजूदा और भविष्य की निवेश रणनीति पर भी पड़ेगा। हालांकि, सरकार ने एलटीसीजी टैक्स से एग्जेम्प्शन लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी है। लेकिन, टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। आइए जानते हैं आपके निवेश पर इसका असर किस तरह से पड़ेगा।

बजट से पहले टैक्स के नियम

मान लीजिए बजट से पहले आपने 8 लाख रुपये का शेयर खरीदा होता और इसके 12 लाख रुपये में बेच दिया होता। इस तरह आपको 4 लाख रुपये का फायदा होता। लेकिन, आपको 3 लाख रुपये पर ही टैक्स चुकाना पड़ता, क्योंकि एलटीसीजी टैक्स से एग्जेम्प्शन की लिमिट 1 एक लाख रुपये थी। 10 फीसदी एलटीसीजी टैक्स के हिसाब से आपको इस पर कुल 30,000 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता।


बजट के बाद टैक्स के नियम

अब हम उपर्युक्त मामले में टैक्स के नए रूल के हिसाब से कैलकुलेशन करते हैं। नए रूल में हमें दो बातों का ध्यान रखना है। पहला, एग्जेम्प्शन लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.25 लाख रुपये हो गई है। दूसरा टैक्स का रेट 10 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी हो गया है। इस हिसाब से कुल 4 लाख रुपये के प्रॉफिट पर उसे 2.75 लाख रुपये पर ही टैक्स चुकाना होगा। इस पर 12.5 फीसदी के रेट से टैक्स लगेगा, जो 34,375 रुपये आता है। बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि इसका मतलब है कि नई नियम के बाद आप करीब 15 फीसदी ज्यादा टैक्स चुका रहे हैं।

नए नियम में बढ़ जाएगा आपका टैक्स

शेट्टी ने कहा, "नए नियम में एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ने के बावजूद टैक्स रेट ज्यादा होने से आपकी टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाती है।" जिन इनवेस्टर्स का कैपिटल गेंस ज्यादा होगा उन पर नए नियम का ज्यादा असर पड़ेगा। मान लीजिए शेयरों को बेचने से आपका मुनाफा 10 लाख रुपये है तो ओल्ड रीजीम में आपका टैक्स 90,000 रुपये बनता। लेकिन, नई रीजीम में आपको 1,09,375 रुपये टैक्स चुकाना होगा। इसका मतलब है कि आपको नई रीजीम में 19,375 रुपये टैक्स चुकाना होगा, जो 21.5 फीसदी ज्यादा है।

यह भी पढ़ें: Real Estate LTCG Rules: रियल एस्टेट के एलटीसीजी के नए नियमों से किसे फायदा और किसे नुकसान?

2.25 लाख रुपये से कम प्रॉफिट पर नए नियम में फायदा

ऐसे निवेशक जिसे शेयरों की बिक्री से होने वाला प्रॉफिट 2.25 लाख रुपये से कम है, उसे नए नियम में फायदा होगा। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए शेयरों को बेचने से आपको 2 लाख रुपये प्रॉफिट होता है। ओल्ड रीजीम में आपको इस पर 10,000 रुपये टैक्स चुकान पड़ता। नई रीजीम में आपको 9,375 रुपये टैक्स चुकाना पड़ेगा। इसका मतलब है कि आपको 625 रुपये कम टैक्स चुकाना पड़ेगा।

MoneyControl News

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First Published: Jul 25, 2024 4:55 PM

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