डाकघर अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद नॉमिनी या बिना नॉमिनी खातों से कैसे निकालें पैसे? जानिए पूरी प्रक्रिया

Post Office: भविष्य में किसी प्रकार की लीगल समस्याओं से बचने के लिए पोस्ट ऑफिस अकाउंट खोलते समय हमेशा एक नॉमिनी रजिस्टर्ड करें। यदि खाते में नॉमिनी का विवरण अपडेट नहीं किया जाता है, तो परिवार के सदस्यों को लंबी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है

अपडेटेड May 30, 2025 पर 10:30 PM
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दावा अगर ₹5 लाख से ऊपर का हो तो दावाकर्ता द्वारा एक सक्षम सिविल कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा

Post Office Account: देश में करोड़ों लोगों के पास पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर में अकाउंट हैं। कई सरकारी योजनाएं उनके खातों से जुड़ी होती है। जब डाकघर के किसी खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो डाकघर बचत खाता, मासिक आय योजना (MIS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), या वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) जैसी बचत योजनाओं में जमा पैसा उसके नॉमिनी को मिलता है। हालांकि ये जरूरी नहीं की सभी खातों में नॉमिनी दर्ज हो। आइए आपको बताते हैं ऐसे मामलों में कैसे की जा सकती है पैसों की निकासी।

जब कोई नॉमिनी रजिस्टर्ड हो

ऐसे मामलों में नामांकित व्यक्ति को फॉर्म SBK 2, खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान प्रमाण जमा करना होता है। यदि दावा ₹5 लाख से कम राशि के लिए है तो पोस्ट ऑफिस आम तौर पर नॉमिनी प्रमाण पत्र की डिमांड किए बिना ऐसे दावों का निपटान करता है। नामांकित व्यक्ति नकद, चेक या अपने स्वयं के पोस्ट ऑफिस खाते में जमा करके पैसे प्राप्त कर सकता है। आम तौर पर यदि सभी कागजात सही हैं तो दावों का निस्तारण सात वर्किंग डे के भीतर कर दिया जाता है।

वहीं 5 लाख रुपये से ज्यादा के दावों पर दावेदार को सक्षम सिविल कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। इसे बनवाने में समय लगता है और इसके लिए कानूनी शुल्क और अदालती सुनवाई भी करनी पड़ सकती है।

नॉमिनी के अभाव में क्या करना होगा?

यदि मृतक ने कोई नॉमिनी दर्ज नहीं किया हो, तो कानूनी वारिस या वारिसों को एक प्रक्रिया का पालन करना होगा। यह दो प्रकार की होती है:


अगर दावा ₹5 लाख तक हो तो दावाकर्ता को फॉर्म SBK 2, क्षतिपूर्ति पत्र (फॉर्म SBK 3), हलफनामा और अस्वीकरण पत्र (फॉर्म SBK 4 और SBK 5), मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ और स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिया गया कानूनी वारिस प्रमाण पत्र दाखिल करना होगा। अगर वारिस अस्वीकरण प्रमाण पर प्रस्तुत करते हैं तो किसी सिविल कोर्ट उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। पोस्टमास्टर दस्तावेजों का जांच करता है। यदि सभी कानूनी दस्तावेज सही होते है तो दावे का निस्तारण किया जाता है।

दावा अगर ₹5 लाख से ऊपर का हो तो दावाकर्ता द्वारा एक सक्षम सिविल कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसे बनवाने में समय लगता है और इसके लिए कानूनी शुल्क और अदालती सुनवाई भी करनी पड़ सकती है।

संयुक्त खाता होने पर क्या करें?

संयुक्त खातों के लिए, जीवित खाताधारक फॉर्म SKB 1 और मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करके अपने नाम पर खाते के ट्रांसफर का अनुरोध कर सकता है। इसमें किसी अन्य कानूनी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है जब तक कि कोई विवाद न हो।

किन बातों का रखें ध्यान?

भविष्य में किसी प्रकार की लीगल समस्याओं से बचने के लिए पोस्ट ऑफिस अकाउंट खोलते समय हमेशा एक नॉमिनी रजिस्टर्ड करें। यदि खाते में नॉमिनी का विवरण अपडेट नहीं किया जाता है, तो परिवार के सदस्यों को लंबी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है। नॉमिनी, उत्तराधिकार कानूनों से बड़ा नहीं होता है। विवादों की स्थिति में कानूनी वारिस अदालत में नामांकित व्यक्ति पर मुकदमा कर सकते हैं।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: May 30, 2025 10:26 PM

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