Good vs Bad Loan: बहुत से लोग 'कर्ज' शब्द को अक्सर नकारात्मक नजरिए से देखते हैं। उनकी धारणा होती है कि कर्ज वही लोग लेते हैं, जो आर्थिक रूप से तबाह हो चुके हैं। या फिर कर्ज उन्हें आर्थिक तबाही की ओर ढकेल सकता है। यह धारणा अमूमन पुराने जमाने के रईसों से बनी है, जो भारी-भरकम ब्याज पर लोगों को कर्ज देकर फंसाते थे।
लेकिन सच्चाई ये है कि हर कर्ज नुकसानदेह नहीं होता। कुछ कर्ज आपके भविष्य के लिए फायदेमंद निवेश साबित हो सकते हैं। वहीं, कुछ कर्ज वित्तीय दबाव और तनाव की वजह बन सकते हैं। इसीलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप ‘अच्छे कर्ज’ और ‘बुरे कर्ज’ के बीच फर्क को ठीक से समझें और उसी आधार पर उधार लेने का फैसला करें।
'अच्छा कर्ज' वह होता है, जिसे आप किसी संपत्ति में निवेश के लिए लेते हैं। इसका मूल्य समय के साथ बढ़ सकता है और यह आपके लिए नियमित आमदनी का जरिया भी बन सकती है। मिसाल के तौर पर, एजुकेशन लोन, होम लोन या बिजनेस लोन को अच्छे कर्ज की कैटेगरी में रखा जा सकता है।
इस तरह के कर्ज में आमतौर पर ब्याज दरें कम होती हैं, टैक्स लाभ मिल सकते हैं और समय पर भुगतान करने पर क्रेडिट स्कोर बेहतर बनता है।
'बुरा कर्ज' वह होता है, जो ऐसे उत्पादों या सेवाओं के लिए लिया जाता है, जिनका मूल्य तेजी से घटता है या जो लंबी अवधि में किसी तरह का वित्तीय लाभ नहीं देते। क्रेडिट कार्ड से गैर-जरूरी खरीदारी, घूमने-फिरने के लिए अनसिक्योर्ड लोन, या ऐसी कारों का लोन जिनकी वैल्यू लोन पूरा होने से पहले खत्म हो जाती है। ये सभी बुरे कर्ज के उदाहरण हैं।
इस तरह के कर्ज में ब्याज दरें बहुत अधिक होती हैं, आमदनी पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ता। साथ ही, समय पर भुगतान न करने पर यह कर्ज और बढ़ता जाता है, जिससे क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है।
क्या हर कर्ज से बचना चाहिए?
यह धारणा गलत है कि हर तरह के कर्ज से बचना चाहिए। फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि सोच-समझकर लिया गया कर्ज न सिर्फ संपत्ति निर्माण में मदद करता है, बल्कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को भी मजबूत करता है। बस जरूरी है कि आप यह तय करें कि कर्ज आपकी किसी लंबी अवधि की जरूरत को पूरा कर रहा है या सिर्फ थोड़े समय इच्छाओं के लिए लिया जा रहा है।
समझदारी से कैसे लें कर्ज?