FASTag Port Process: क्या FASTag को दूसरे बैंक के साथ पोर्ट किया जा सकता है? अगर किया जा सकता है तो कैसे करना होगा। दरअसल, पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के फास्टैग सर्विस से जुड़े बैंकों की लिस्ट से बाहर होने के बाद ज्यादातर लोग इसे पोर्ट कराने में लगे हुए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसे फास्टैग सर्विस के लिए रजिस्टर 30 बैंकों की लिस्ट से बाहर कर दिया है। NHAI ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि कंपनी नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामले में नियामकीय कार्रवाई का सामना कर रही है। हालांकि, पेटीएम पेमेंट्स बैंक ही नहीं फास्टैग को किसी भी दूसरे बैंक के साथ पोर्ट करा सकते हैं।
कोई भी करवा सकता है फास्ट टैग पोर्ट
फास्ट टैग लेने के लिए बैंक की ऑनलाइन फास्ट टैग की साइट पर जाकर उसके लिए अप्लाई करना होता है। तभी आपको फास्टैग मिलता है। अगर आप अपने बैंक का फास्ट टैग दूसरे बैंक से बदलना चाहते हैं तो बदल सकते हैं। किसी भी बैंक के फास्टैग को बदलवाने के लिए आपको उसे बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल करना होगा। जरूरी डॉक्यूमेंट और डिटेल के बाद आपका फास्टैग दूसरे बैंक के साथ पोर्ट हो जाएगा।
FASTag को Paytm से पोर्ट करने का तरीका
Paytm से FASTag को पोर्ट या ट्रांसफर करने के लिए, उस बैंक के कस्टमर केयर को कॉल करें जिसमें आप अपना FASTag ट्रांसफर कर रहे हैं। उन्हें बताएं कि आप स्विच करना चाहते हैं। आवश्यक जानकारी दें और पोर्टिंग हो जाएगी।
ये बैंक देते हैं FASTag Services
NHAI ने फास्टैग सर्विसेज के लिए रजिस्टर 30 बैंकों की लिस्ट में एयरटेल पेमेंट्स बैंक, इलाहाबाद बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सिटी यूनियन बैंक, कॉस्मोस बैंक, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, फेडरल बैंक, फिनो पेमेंट्स बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, IDBI बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, J&K बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, नागपुर नागरिक सहकारी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सारस्वत बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), त्रिशूर जिला सहकारी बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक हैं।
फास्टैग एक डिवाइस है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटीफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी के जरिए स्पीड में चल रही गाड़ियों से सीधे खाते से टोल पेमेंट्स वसूल कर लेता है। फास्टैग (RFID टैग) चिप गाड़ी में आगे के शीशे पर लगाया जाता है। इससे एक अकाउंट जुड़ा होता है जिससे टोल के पैसे सीधे खाते से कट जाते हैं। देश के सभी नेशनल हाईवेज और 100 से अधिक स्टेट हाईवेज पर 750 से अधिक टोल प्लाजा लगे हुए हैं। NHAI फास्टैग को इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी मैनेज करती है।