त्योहारों पर बजट को कैसे करें बैलेंस? जानें खर्च करने के स्मार्ट टिप्स

Festive Finances: भारत में त्योहार सिर्फ खुशियों और रिश्तों को जोड़ने का समय नहीं होते, बल्कि यह समय खरीदारी और खर्च का भी होता है। नए कपड़े, गिफ्ट, मिठाइयां, सजावट और ट्रैवल—सब मिलाकर जेब पर बड़ा असर पड़ता है

अपडेटेड Sep 03, 2025 पर 6:13 PM
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Festive Finances: भारत में त्योहार सिर्फ खुशियों और रिश्तों को जोड़ने का समय नहीं होते, बल्कि यह समय खरीदारी और खर्च का भी होता है।

Festive Finances: भारत में त्योहार सिर्फ खुशियों और रिश्तों को जोड़ने का समय नहीं होते, बल्कि यह समय खरीदारी और खर्च का भी होता है। नए कपड़े, गिफ्ट, मिठाइयां, सजावट और ट्रैवल—सब मिलाकर जेब पर बड़ा असर पड़ता है। कई बार यह खर्च फाइनेंशियल तनाव को भी बढ़ा देते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि थोड़ी प्लानिंग और समझदारी से खर्च किया जाए तो त्योहारों का मजा भी लिया जा सकता है। साथ ही भविष्य की फाइनेंशियल हेल्थ भी सही रहेगी।

त्योहार का बजट बनाएं

स्क्रिपबॉक्स के फाउंडर और सीईओ अतुल शिंगल का कहना है कि त्योहार से पहले ही बजट बना लें। गिफ्ट, कपड़े, मिठाई, ट्रैवल और पार्टी जैसे खर्चों की लिस्ट तैयार करें और तय कर लें कि आप कितनी अमाउंट खर्च करेंगे। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि त्योहारों का खर्च आपकी मंथली इनकम का 10–15% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।


पहले से सेविंग करें

अचानक बड़े खर्च से बचने के लिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सालभर में छोटा-छोटा सेविंग करें। रेकरिंग डिपॉजिट या लिक्विड म्यूचुअल फंड में नियमित सेविंग करने से त्योहार आने पर अलग से पैसा तैयार रहेगा और कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्रेडिट कार्ड पर कंट्रोल रखें

क्रेडिट कार्ड और आसान ईएमआई लुभाने लगते हैं, लेकिन रिस्क भी बढ़ाते हैं। जेट के को-फाउंडर और सीईओ मनीष शारा कहते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर बकाया रकम पर 36–48% तक ब्याज लगता है, जो कर्ज के जाल में फंसा सकता है। इसलिए कार्ड लिमिट का सिर्फ 30% तक ही इस्तेमाल करें और बिल समय पर पूरा चुकाएं।

सोच-समझकर खरीदारी करें

त्योहारों पर मिलने वाले डिस्काउंट कई बार बेवजह की खरीदारी करवा देते हैं। शिंगल कहते हैं कि अगर आपको लगता है कि खरीदी गई चीज 6 महीने बाद भी काम आएगी तभी खरीदें, वरना यह सिर्फ इंपल्स खरीदारी है।

समझदारी से गिफ्ट दें

गिफ्ट महंगे ही हों ऐसा जरूरी नहीं। पर्सनलाइज्ड नोट्स, हैंडमेड चीजें या छोटी इन्वेस्टमेंट जैसे एसआईपी या गोल्ड बॉन्ड भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

बोनस का सही इस्तेमाल करें

त्योहारों पर मिलने वाले बोनस या नकद गिफ्ट का कुछ हिस्सा निवेश, इंश्योरेंस या रिटायरमेंट फंड में डालना बेहतर होता है। त्योहार खत्म होने के बाद खर्च का रिव्यू करें कि कहां ज्यादा खर्च हुआ। इससे अगली बार ज्यादा कंट्रोल में खर्च कर पाएंगे।

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MoneyControl News

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First Published: Sep 03, 2025 6:00 PM

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