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GST 2.0 सुधारों के बाद सितंबर में 1.89 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन रिकॉर्ड, उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स में कटौती का असर दिखा

GST 2.0: सितंबर में जीएसटी संग्रह 9.1% बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, जिससे यह लगातार नौ महीनों से 1.8 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। नए जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स स्लैब को आसान बनाकर महंगाई कम करने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिली है।

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 3:38 PM
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सितंबर 2025 में GST कलेक्शन 1.89 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, जो पिछले साल के समान महीने से 9.1% ज्यादा है। यह लगातार नौवें महीने है जब GST राजस्व 1.8 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। यह उछाल तेज हुआ है, जबकि सितंबर में GST दरों में कटौती भी की गई थी।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में CGST से 33,645 करोड़, SGST से 41,836 करोड़ और IGST से 1,01,883 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। इस अवधि में कुल GST रिफंड में भी 40.1% की बढ़ोतरी हुई, जो 28,657 करोड़ रुपये रही। GST कलेक्शन में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों का प्रमुख योगदान रहा।

22 सितंबर से GST काउंसिल ने टैक्स स्लैब को कम कर 5% और 18% दो स्लैब लागू किए हैं, जिससे कई रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम कम हुए हैं। हालांकि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और तंबाकू जैसे उत्पादों पर टैक्स जस का तस रहा। इस नीति सुधार से उपभोक्ता मांग बढ़ी है, खासकर त्योहारों के सीजन में, जिससे जीएसटी राजस्व में मजबूती बनी हुई है।


वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में GST राजस्व 10.4 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 8.8% अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में हुई कटौती से अगले महीनों में आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा तथा सरकार के राजस्व स्थिर रहेंगे।

यह प्लान टैक्स संरचना को सरल और उपभोक्ताओं के लिए सहूलियतपूर्ण बनाना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है और कारोबार में पारदर्शिता बढ़ी है। आगामी महीनों में भी GST राजस्व में वृद्धि बनी रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

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