नए निवेशकों को इक्विटी सेविंग्स फंड्स, डायनेमिक फंड्स, बैलेंस्ड फंड्स या इंडेक्स-बेस्ट इनवेस्टिंग पर फोकस करना चाहिए। एचएसबीसी इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ कैलाश कुलकर्णी ने यह सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन फंडों का रिटर्न रिस्क-रिटर्न के लिहाज से अपेक्षाकृत ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों को अपने निवेश योग्य फंड का बड़ा हिस्सा इक्विटी बेस्ड इंस्ट्रूमेंट्स में लगाना चाहिए। अगर कोई निवेशक कम समय के लिए निवेश करना चाहता है तो उसे फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश के बारे में सोचना चाहिए। HSBC Mutual Fund ने कुछ समय पहले L&T Mutual Fund का अधिग्रहण किया था। कुलकर्णी ने अपनी एएमसी के लिए बड़ा प्लान बनाया है। वह एचएसबीसी म्यूचुअल फंड को इंडिया के टॉप 10 फंडों की लिस्ट में देखना चाहते हैं।
कई पैमानों पर इंडिया निवेश के लिए बहुत अट्रैक्टिव
उन्होंने कहा कि इंडिया इस दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहा है। ऐसे में यहां ग्रोथ के खूब मौके हैं। आबादी में युवाओं की ज्यादा हिस्सेदारी, डिजिटाइजेशन, इंटरनेट की व्यापक पहुंच और मिडिल क्लास की बढ़ती इनकम इसे दुनिया के दूसरे देशों से अलग खड़ा करती है। मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ, बिजनेस को ध्यान में रखकर किए जा रहे रिफॉर्म्स, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस और राजनीतिक स्थिरता इंडिया को उभरते देशों में अट्रैक्टिव बनाती है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बढ़ रही प्रतियोगिता
कुलकर्णी ने कहा कि इंडिया में 45 फंड हाउस हैं। हर फंड हाउस निवेस की अलग-अलग रणनीति पर फोकस कर रहा है। कुछ पैसिव फंड्स पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं तो कुछ हर कैटेगरी में स्कीम पेश करने पर जोर दे रहे हैं। इसलिए बाजार में प्रतियोगिता बढ़ रही है। हम इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बड़ी एएमसी के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। 2023 की पहली छमाही में हमने दो नए फंड लॉन्च किए हैं। दूसरी छमाही में हम कुछ अट्रैक्टिव प्रोडक्ट्स लॉन्च करने जा रहे हैं। हमारी कोशिश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड लॉन्च करने की भी है।
शेयरों में उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं
स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव के बारे में उन्होंने कहा कि अगर एक एसेट के रूप में इक्विटी की बात की जाए तो यह समझ लेना जरूरी है कि उतार-चढ़ाव इसका स्वभाव है। इतिहास हमें बताता है कि मार्केट हर बार गिरने के बाद नई ऊंचाई पर पहुंचता है। इसलिए बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करना जरूरी है। निवेशकों को सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करना चाहिए। इससे रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है।