उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan SFB) ने तेज ग्रोथ हासिल करने के लिए ठोस प्लान बनाया है। बैंक के एमडी और सीईओ Ittira Davis ने इस प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बैंक फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 25 फीसदी ग्रोथ हासिल करना चाहता है। हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस के लिए बैंक देश के अलग-अलग हिस्सों में 20 एसेट सेंटर्स खोलना चाहता है। बैंक अगले फाइनेंशियल ईयर में यूनिवर्सल बैंक का लाइसेंस हासिल करने के लिए अप्लाई करेगा। उज्जीवन एसएफबी उन स्मॉल फाइनेंस बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने कम समय में बहुत अच्छी ग्रोथ हासिल की है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु है।
NPA में बड़ी गिरावट आने की उम्मीद
डेविस ने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट के घटकर कोरोना से पहले के लेवल पर आ जाने की उम्मीद है। इसके धीरे-धीरे एक फीसदी के लेवल पर आ जाने की संभावना है। खासकर माइक्रो बैंकिंग में हमें एनपीए में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जून तिमाही में बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार आया है। बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स गिरकर 2.62 फीसदी पर आ गया। एक साल पहले यह 6.51 फीसदी था। नेट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NNPA) 0.11 फीसदी से घटकर 0.06 फीसदी पर आ गया।
15 नए एसेट सेंटर्स ओपन करने का प्लान
उन्होंने कहा कि हाउसिंग हमारे लिए बड़ा फोकस एरिया है। हम इस साल के अंत तक 15 नए एसेट सेंटर्स ओपन करना चाहते हैं। हम पहले ही मैसूर, कोयंबटूर, अहमदाबाद और जयपुर में एसेट सेटर्स खोल चुके हैं। ये ऐसे सेंटर्स हैं, जहां बिजनेस, क्रेडिट, लीगल और ऑपरेशन स्टाफ एक ही जगह मौजूद हैं। इसलिए फैसले लेने में समय नहीं लगता है। मसलों के समाधान में वक्त नहीं लगता है।
एप्लॉयीज की संख्या 20,000 पहुंच जाने की उम्मीद
एंप्लॉयीज की संख्या के बारे में डेविस ने कहा कि पिछले साल एंप्लॉयीज की संख्या करीब 18,000 थी। इस साल यह संख्या बढ़कर 19,200 हो गई है। इस साल के अंत तक यह संख्या 19,600-20,000 तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगले साल बैंक का प्लान यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए अप्लाई करने का है। अभी हम रिवर्स मर्जर के बारे में सोच रहे हैं। हमें इस बारे में RBI के रुख पर ध्यान देना होगा। उसका रुख हमारे लिए बहुत मायने रखता है।
नेट इंटरेस्ट मार्जिन 9% रह सकता है
उज्जीवन एसएफबी के बॉस ने कहा कि इस साल हमें NIM करीब 9 फीसदी रहने की उम्मीद है। पहली तिमाही में हमारा एनआईएम 9.2 फीसदी रहा है। दूसरी तिमाही में कॉस्ट में थोड़ा इजाफा हो सकता है। लेकिन, हमें उम्मीद है कि हम लिक्विडिटी मैनेजमेंट के इस्तेमाल, एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट और दूसरे ट्रेजरी-ऑपरेशंस से स्थिति को संभालने में कामयाब रहेंगे।