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भारत में अगले 10-20 सालों में 20-30 new energy, tech companies होंगी जो RIL जितनी बड़ी बन जायेंगी : Mukesh Ambani

मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत ग्रीन एनर्जी के निर्यात के हब के रूप में उभर सकता है

अपडेटेड Feb 23, 2022 पर 6:15 PM
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मुकेश अंबानी ने कहा भारत के clean and green energy सेक्टर के पास अगले 20 वर्षों में 50 हजार करोड़ डॉलर का निर्यात करने की क्षमता है

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani) ने 23 फरवरी को कहा कि भारत उद्यमशीलता की भावना, सरकारी नीतियों और फाइनेंसिंग विकल्पों की उपलब्धता से प्रेरित होकर ग्रीन एनर्जी के निर्यात केंद्र और महाशक्ति के रूप में उभर सकता है। 'Asia Economic Dialogue 2022' में बोलते हुए अंबानी ने कहा कि भारत के स्वच्छ और हरित ऊर्जा (clean and green energy) क्षेत्र के पास अगले 20 वर्षों में हाफ ट्रिलियन डॉलर (50 हजार करोड़ डॉलर ) का निर्यात करने की क्षमता है।

अंबानी ने कहा “पिछले 20 वर्षों में हम भारत को एक आईटी महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए जानते थे। अगले 20 वर्षों में मेरा मानना ​​है कि प्रौद्योगिकी के साथ-साथ ऊर्जा और जीवन विज्ञान (energy and life sciences) में एक महाशक्ति के रूप में हमारा उदय होगा। "

उन्होंने कहा कि भारत ग्रीन एनर्जी के निर्यात हब के रूप में उभर सकता है। इसके पीछे तीन कारक यानी उद्यमशीलता की भावना, सरकार से सक्रिय और दूरदर्शी पॉलिसी सपोर्ट और कार्रवाई तथा सुनिश्चित फाइनेंसिंग विकल्प काम करेंगे।


उन्होंने कहा, "मुझे ऊर्जा और तकनीकी (energy and tech) क्षेत्र में कम से कम 20-30 नई भारतीय कंपनियां दिखाई दे रही हैं, जो अगले 10-20 वर्षों में रिलायंस जितनी बड़ी होंगी।"

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अंबानी ने यह भी कहा कि एनर्जी ट्रांजिशन 21वीं सदी में जियोपॉलिटिकल ट्रांजिशन का निर्धारण करेगा, क्योंकि नया ईंधन पारंपरिक ईंधन की जगह ले लेगा। उन्होने कहा कि तब भारत न केवल green and clean energy में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि एक बड़ा निर्यातक भी बनेगा। इसके साथ ही यह भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद करेगा।"

उन्होंने कहा कि एनर्जी ट्रांजिशन से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स आयात बिलों पर विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

पिछले साल RIL ने तीन पार्ट में एक महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा योजना (clean energy plan) की घोषणा की थी। इसमें व्यवसाय के लिए सभी महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण के लिए चार giga-factories में 60,000-करोड़ का निवेश शामिल है। वैल्यू चैन में साझेदारी और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है।

मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत को तीन चुनौतियों का हल निकालने की जरूरत है- देश में डबल डिजिट की जीडीपी ग्रोथ के लिए सस्ती कीमत पर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाना चाहिए, भारत को ग्रीन और क्लीन एनर्जी में हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए और देश 'आत्मनिर्भरता या आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए।

ग्रीन हाइड्रोजन एक प्राथमिकता होगी। अंबानी ने कहा कि उनके समूह का लक्ष्य एक दशक में 1 डॉलर प्रति किलोग्राम से कम कीमत पर हाइड्रोजन एनर्जी उपलब्ध कराना है।

(डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)

 

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