इनकम 12 लाख रुपये से ज्यादा होने से चिंतित हैं? बजट 2025 में मार्जिनल रिलीफ के ऐलान से घट जाएगा आपका टैक्स
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट में उन लोगों के लिए राहत का ऐलान किया, जिनकी इनकम सालाना 12 लाख रुपये तक है। अगर किसी व्यक्ति की इनकम 12 लाख रुपये से थोड़ी ज्यादा है तो भी उसे यह राहत मिलेगी। यह राहत उसे मार्जिनल रिलीफ की वजह से मिलेगी
सिर्फ इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स जो इंडिया में रेजिडेंट्स हैं, वे सेक्शन 87ए का फायदा उठा सकते हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने मिडिल क्लास के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया। 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई। यूजर्स इस बात से चिंतित थे कि इनकम 12 लाख रुपये के पार करते ही टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाएगा। लेकिन, बजट डॉक्युमेंट और फाइनेंस बिल ऑनलाइन उपलब्ध होने के बाद टैक्सपेयर्स ने राहत की सांस ली।
हां, मैं मार्जिनल रिलीफ (Marginal Relief) के बारे में बात कर रहा हूं। यह राहत उन लोगों के लिए है, जिनकी इनकम 12 लाख रुपये से थोड़ी ज्यादा होगी। उनका टैक्स 12 लाख रुपये से ऊपर की इनकम अमाउंट से ज्यादा नहीं होगा। आसान शब्दों में कहा जाए तो अतिरिक्त टैक्स सिर्फ उनकी एक्स्ट्रा इनकम तक सीमित रहेगा। इसका फायदा यह होगा कि इनकम 12 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा होने के बावजूद उनका टैक्स बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा। हालांकि, यह मार्जिनल रिलीफ नया नहीं है। यह इनकम टैक्स की नई रीजीम में पहले से उपलब्ध है। पहले हम इसके बारे में थोड़ी बात कर लेते हैं। फिर हम इस बारे में भी बात करेंगे कि 12 लाख रुपये की टैक्स-फ्री इनकम का हकदार कौन होगा।
सेक्शन 87ए का फायदा किसे मिलेगा?
पहले यह जान लेना जरूरी है कि 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स-बेनेफिट हर व्यक्ति को उपलब्ध नहीं है। सिर्फ इंडिविजुअल टैक्सपेयर जो इंडिया में रेजिडेंट्स हैं, वे इस बेनेफिट का फायदा उठा सकते हैं। नई रीजीम के तहत इस रिलीफ को अब बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया गया है।
सेक्शन 87ए के तहत मार्जिनल रिलीफ क्या है?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत मार्जिन रिलीफ की शुरुआत फाइनेंस बिल, 2023 में की गई थी। यह इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है। इस बेनेफिट को बजट 2025 में उन लोगों के लिए जारी रखा गया है जिनकी इनकम 12 लाख रुपये से ज्यादा है।
आइए समझते हैं कि फाइनेंस बिल 2025 में मार्जिनल रिलीफ क्या है और इसका आपकी टैक्स लायबिलिटी पर किस तरह असर पड़ेगा।
फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए टैक्सेबल इनकम
12,00,000
12,10,000
12,70,000
12,75,000
नई टैक्स रीजीम के तहत टैक्स कैलकुलेशन (बजट 2025)
0 (सेक्शन 87ए के तहत 60,000 रुपये रिलीफ)
61,500
70,500
71,250
12 लाख रुपये से ज्यादा की नेट इनकम
0
10,000
70,000
75,000
क्या मार्जिनल रिलीफ उपलब्ध है?
-
हां
हां
नहीं
नई रीजीम के तहत टैक्स कैलकुलेशन
0
10,000
70,000
71,250
क्या सैलरीड इंडिविजुअल्स के लिए कोई अतिरिक्त बेनेफिट है?
नौकरी करने वाले टैक्सपेयर्स जो नई रीजीम का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सैलरी इनकम पर 75,000 रुपये का खास डिडक्शन मिलता है। इसलिए अगर सैलरी इनकम सहित किसी व्यक्ति की कुल इनकम 12.75 लाख रुपये है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन की वजह से उसकी टैक्सेबल इनकम घटकर 12 लाख रुपये रह जाएगी। इससे वह सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली रिलीफ का हकदार हो जाएगा। इसका मतलब है कि उसे टैक्स नहीं चुकाना होगा।
इसी तरह किसी व्यक्ति को मार्जिनल रिलीफ का फायदा मिलेगा या नहीं उसकी टैक्सबेल इनकम पर निर्भर करेगा। इसका कैलकुलेशन स्टैंडर्ड डिडक्शन घटाने के बाद होगा। उदाहरण के लिए नीचे दिए गए कैलकुलेशन में अगर मौजूदा इनकम से 75,000 रुपये घटा दिए जाते हैं तो एडजस्टेड इनकम इस तरह से होगी:
12,85,000-75,000 रुपये = टैक्सेबल इनकम : 12,10,000 रुपये
13,45,000 -75,000 रुपये = टैक्सबल इनकम : 12,70,000 रुपये
क्या सेक्शन 87ए के तहत रिलीफ कैपिटल गेंस या किसी दूसरी स्पेशल रेट वाली इनकम पर मिलेगा?
नहीं, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट कैपिटल गेंस से इनकम या लॉटरी इनकम पर उपलब्ध नहीं है, जिन पर स्पेशल रेट से टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए इक्विटी शेयर, इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस या रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर यह रिबेट नहीं मिलता है।
(लेखक सीए हैं और पर्सनल फाइनेंस खासकर इनकम टैक्स से जुड़े मसलों के एक्सपर्ट हैं)