SIP Best Date: इस तारीख को डालें एसआईपी में पैसे, बढ़ जाएगा रिटर्न

SIP Best Date: घरेलू स्टॉक मार्केट की उठा-पटक से घबराने वाले निवेशकों के लिए SIP निवेश का शानदार विकल्प पेश करता है। इसमें नियमित तौर पर एक निश्चित तारीख पर निवेशक पैसे लगाते हैं जिसे प्रोफेशनल मैनेज करते हैं और अधिक से अधिक रिटर्न दिलाने की कोशिश करते हैं। हालांकि यह निश्चित तारीख क्या हो, इसे लेकर लगातार चर्चा होती है। जानिए एसआईपी के लिए कौन-सी तारीख अच्छी है ताकि रिटर्न बढ़ाया जा सके?

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 12:18 PM
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SIP Best Date: एसआईपी के लिए सबसे अच्छी तारीख कौन-सी है, इसे लेकर कुछ स्टडीज हुई हैं जिसमें सामने आया है कि किसी महीने की 1, 10 या 25 तारीख को निवेश करने से लंबी अवधि में रिटर्न लगभग समान ही होता है।

SIP Best Date: एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) की तरफ बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। इसमें निवेशक पहले से तय एक निश्चित तारीख को पैसे निवेश करते हैं। अब निवेशकों को उलझन ये रहती है कि एसआईपी के लिए कौन-सी तारीख चुनें ताकि अधिक से अधिक रिटर्न मिल सके। यह कवायद इसलिए होती है ताकि हर कारोबारी दिन हो रही मार्केट की उठा-पटक में ऐसे दिन म्यूचुअल फंड के यूनिट खरीदी जा सके, जिस दिन इसकी एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) कम हो। इससे निवेशकों को फायदा यह होगा कि उन्हें अधिक से अधिक यूनिट मिल सकेंगे और रिटर्न अधिक हो जाएगा।

कौन-सी तारीख है SIP के लिए बेस्ट?

एसआईपी के लिए सबसे अच्छी तारीख कौन-सी है, इसे लेकर कुछ स्टडीज हुई हैं जिसमें सामने आया है कि किसी महीने की 1, 10 या 25 तारीख को निवेश करने से लंबी अवधि में रिटर्न लगभग समान ही होता है। अगर कोई अंतर होता है तो वह सालाना 0.2.-0.3% से कम ही रहता है। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं कि जैसे ₹10 हजार हर महीने की किसी तारीख को सालाना 12% की दर से रिटर्न पर 20 साल में ₹98 लाख से अधिक पूंजी बनती है तो दूसरी तरफ में 0.2% अधिक रिटर्न मिलने पर कुछ हजार रुपये ही अधिक मिलेंगे।


तो क्या खास तारीख चुनने के लिए नहीं होना चाहिए परेशान?

एसआईपी में किस तारीख को पैसे डालें, लंबे समय में यह रिटर्न पर अधिक असर नहीं डालता है, शॉर्ट टर्म में जरूर कुछ असर दिख सकता है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि लॉन्ग टर्म के लिए एसआईपी कर रहे हैं तो तारीख चुनने में ध्यान न दें। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइनेंशियल प्लानर्स के मुताबिक अपनी एसआईपी की डेट महीने की 1, 5 और 7 तारीख को अपनी सैलरी क्रेडिट होने के हिसाब से देखें ताकि पेमेंट चूकने के चांसेज कम से कम हों। इसके अलावा कुछ एडवाइजर्स एसआईपी की किश्त को दो या तीन हिस्सों में बांटने की सलाह देते हैं ताकि इसे महीने की अलग-अलग तारीख को निवेश कर सकें। इससे शॉर्ट टर्म की उठा-पटक के असर को कम करने में मदद मिलती है। जैसे कि अगर आप हर महीने एसआईपी में ₹9000 लगाते हैं तो इसे ऐसे कर सकते हैं कि 5 तारीख को ₹3000, 15 तारीख को ₹3,000 और 25 तारीख को ₹3,000 निवेश कर सकते हैं और अलग-अलग दिन की एनएवी के हिसाब से किसी महीने में यूनिट हासिल कर सकते हैं।

कैसे बढ़ाएं रिटर्न?

एसआईपी में तारीख की बजाय अवधि काफी अहम है यानी कि जितने लंबे समय तक एसआईपी में पैसे लगाते हैं, उतना ही अधिक रिटर्न होगा। एक और अहम बात, बाजार गिरने पर घबराहट में एसआईपी में पैसे लगाना बंद करते हैं तो नुकसान हो सकता है। एक और अहम बात ये है कि अच्छे फंड चुनें, जल्दी निवेश शुरू करें, और अनुशासन बनाए रखें।

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Jeevan Deep Vishawakarma

Jeevan Deep Vishawakarma

First Published: Sep 20, 2025 12:18 PM

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