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Income Tax: इनकम टैक्स नोटिस मिलने का मतलब यह नहीं की टैक्सपेयर ने टैक्स चोरी की है, यहां जानिए इसका मतलब

Income tax: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस जारी करने की कई वजहें हो सकती हैं। गलत आईटीआर फॉर्म का चुनाव, टैक्स कैलकुलेशन में गलती, कम इनकम दिखाने जैसी चीजें शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नोटिस मिलने पर सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उसमें डिपार्टमेंट ने क्या लिखा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 17, 2025 पर 4:55 PM
Income Tax: इनकम टैक्स नोटिस मिलने का मतलब यह नहीं की टैक्सपेयर ने टैक्स चोरी की है, यहां जानिए इसका मतलब
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर टैक्सपेयर्स ने किसी इनकम को नहीं छुपाया है, गलत डिडक्शन क्लेम नहीं किया है तो उसे डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिटर्न को प्रोसेस करने के बाद रिफंड इश्यू करता है। कुछ मामलों में वह टैक्सपेयर्स को नोटिस इश्यू करता है। ऐसे होने पर रिफंड इश्यू नहीं होता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस इश्यू करने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, आम तौर पर इनकम टैक्स का नोटिस मिलते ही लोग डर जाते हैं। उन्हें लगता है कि कोई बड़ी गलती हुई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिलने पर टैक्सपेयर्स को डरने की जरूरत नहीं है। खासकर अगर टैक्सपेयर्स ने किसी इनकम को नहीं छुपाया है, गलत डिडक्शन क्लेम नहीं किया है तो उसे डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस जारी करने की कई वजहें हो सकती हैं। गलत आईटीआर फॉर्म का चुनाव, टैक्स कैलकुलेशन में गलती, कम इनकम दिखाने जैसी चीजें शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नोटिस मिलने पर सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उसमें डिपार्टमेंट ने क्या लिखा है। ज्यादातर मामलों में टैक्सपेयर्स नोटिस पढ़ने के बाद यह समझ जाता है कि उसमें क्या कहा गया है। कुछ मामलों में टैक्सपेयर को टैक्स एक्सपर्ट्स की राय लेनी पड़ सकती है।

सेक्शन 143(1) के तहत इंटिमेशन नोटिस

यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से भेजा जाने वाला प्रलिमिनरी नोटिस है। अगर आईटीआर फॉर्म में दी गई जानकारी और Form 26AS, Form 16 और Annual Information Statement (AIS) के डेटा में फर्क होता है तो टैक्सपेयर को यह नोटिस जारी किया जाता है। टैक्स कैलकुलेशन में गलती होने पर भी यह नोटिस भेजा जाता है। इस नोटिस के मिलने के बाद आपको एक बार फिर से सभी डेटा को चेक कर लेना चाहिए। अगर आपको गलती का पता चल जाता है तो रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। अगर कोई गलती नहीं दिखती है तो आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। आप ऑनलाइन इस नोटिस का जवाब दे सकते हैं।

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