Get App

Magh Mela 2026: नए साल में इस दिन शुरू होगा माघ मेला, दुर्लभ संयोग में शुरू होगा ये पवित्र आयोजन

Magh Mela 2026: माघ मेला हिंदू धर्म के बहुत पवित्र आयोजनों में से एक माना जाता है। पौष माह की पूर्णिमा के दिन से ये आयोजन शुरू होता है और महाशिवरात्रि पर समाप्त होता है। पंचांग के अनुसार इस साल माघ मेला पर 75 साल बाद ग्रहों का दुलर्भ संयोग बन रहा है। आइए जानें इसके बारे में

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 11, 2025 पर 9:17 PM
Magh Mela 2026: नए साल में इस दिन शुरू होगा माघ मेला, दुर्लभ संयोग में शुरू होगा ये पवित्र आयोजन
इस साल माघ मेले के दौरान 75 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है।

Magh Mela 2026: हिंदू धर्म में माघ के महीने को स्नान दान के लिए बहुत महत्वनूर्ण माना जाता है। इस माह में गंगा स्नान का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस महीने में जो भी लोग गंगा स्नान करते हैं, वे पाप मुक्त हो जाते हैं और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इसी माह में माघ मेले का भी आयोजन होता है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम के तट पर लगने वाला ये मेला हिंदू धर्म के सबसे पवित्र आयोजनों में से एक माना जाता है। माघ मेले की शुरुआत हर साल पौष पूर्णिमा से होती है। इस साल माघ मेले के दौरान 75 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें गंगा स्नान बहुत पुण्य देने वाला हो सकता है।

इस दिन से शुरू होगा माघ मेला?

3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ पौष मास का समापन होगा और उसके अगले दिन से माघ का महीना शुरू हो जाएगा। माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी से हो जाएगी और यह मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि 15 फरवरी को पड़ रही है, इसलिए माघ मेले का समापन भी 15 फरवरी को ही होगा।

माघ महीने में बन रहा है शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नए साल में माघ मेले की शुरुआत 04 जनवरी 2026 रविवार से हो जाएगी और इसी दिन त्रिपुष्कर जैसा अद्भुत शुभ योग भी बनने जा रहा है। 75 साल बाद रविवार के दिन सूर्य मकर राशि में गोचर करेंगे, जिस वजह से रविवार सूर्य का अपना एक दिन होता है।

माघ मेले का महत्व

माघ मास को दान और पवित्र स्नान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि मकर संक्रांति से लेकर पूरे माघ महीने तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंचकर स्नान, पूजा और साधना करते हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें