Kharmas 2025: हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त निकलते समय कुछ ग्रहों की स्थिति जरूर देखी जाती है। इनमें शुक्र और सूर्य का नाम अहम है। शुक्र अस्त होते हैं तब मांगलिक कार्य नहीं होते और सूर्य के कमजोर स्थिति में होने पर भी लोग शुभ काम नहीं करते हैं। यही वजह है कि आज से मांगलिक कार्य थम गए हैं। शुक्र आज से अस्त हो गए हैं। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर मांगलिक कार्य एकदम बंद हो जाते हैं। इसके बाद 16 दिसंबर को सूर्य का प्रवेश देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में होगा। इस राशि में सूर्य कमजोर होते हैं और इसी एक महीने की अवधि को खरमास कहते हैं।
16 दिसंबर मंगलवार को 1.24 बजे से खरमास शुरू हो रहा है। इसमें भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। अब शादी की शहनाइयों की गूंज नए साल में ही सुनाई देगी। 15 जनवरी बृहस्पतिवार सुबह 06.05 बजे खरमास समाप्त होगा। हालांकि, नए साल में भी शादी के मुहूर्त फरवरी में मिलेंगे। दरअसल, 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा, लेकिन जनवरी में शुक्र उदय नहीं हो रहे हैं। इसके कारण विवाह का मुहूर्त फरवरी के पहले सप्ताह में है। बृहस्पति, शुक्र उदय होने के बाद ही विवाह के मुहूर्त बनते हैं।
आइए जानें खरमास में क्यों नहीं होते शुभ काम
खरमास में सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में धीमी गति से चलता है। महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने न्यूज 18 को बताया कि 16 दिसंबर 2025 से 14 जनवरी 2026 तक खरमास रहेगा। इस अवधि में सूर्य की शक्ति कमजोर होती है इसी वजह से यह समय शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने सूर्य के कमजोर होने से ग्रहों का संतुलन प्रभावित होता है। इसी कारण लोग शादी, नामकरण या कोई नया शुभ काम शुरू करने से बचते हैं, ताकि बाधाएं न आएं।
शादी नहीं, लेकिन खरीदारी सही
मंगलसूत्र, शादी का जोड़ा न खरीदें
कुछ लोग इस दौरान मंगलसूत्र, विवाह की अंगूठी और दुल्हन का जोड़ा खरमास में नहीं लेते। इनका मानना है कि शादी का मुख्य सामान पवित्र मुहूर्त में ही लेना शुभ माना जाता है। बाकी सारे जरूरी चीजों की खरीदने में कोई आपत्ति नहीं होती।