परिवार के एक सदस्य का दूसरे सदस्य के साथ ज्वाइंट अकाउंट ओपन करना आम बात है। इसके कई फायदे हैं। अकाउंट में जमा पैसे का इस्तेमाल ज्वाइंट अकाउंट ओपन करने वाले दोनों लोग कर सकते हैं। कई बार पिता-बेटा का ज्वाइंट अकाउंट होता है। टैक्स के लिहाज से मुश्किल तब आती है जब पिता का देहांत होने के बाद ज्वाइंट अकाउंट का पैसा बेटे को ट्रांसफर हो जाता है। सवाल है कि अगर पिता के निधन के बाद ज्वाइंट अकाउंट का पैसा बेटे को ट्रांसफर हुआ है तो क्या इसे इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना होगा और उसे टैक्स चुकाना होगा? मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से बातचीत की।
जैन ने बताया कि Income Tax Act, 1961 के सेक्शन 56(2)(X) में गिफ्ट पर टैक्स के नियमों के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक, अगर एक वित्त वर्ष में मिले कुल गिफ्ट की वैल्यू (कैश या आइटम) 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं है तो वह टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। इसका मतलब है कि गिफ्ट जिस व्यक्ति को मिला है उसकी इनकम में इसे नहीं जोड़ा जाएगा। लेकिन, कुल मिले गिफ्ट्स की वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा है तो इस पर टैक्स लगेगा। जिस व्यक्ति को गिफ्ट्स मिले हैं, उसकी इनकम में इसकी वैल्यू जोड़ दी जाएगी।
गिफ्ट की वैल्यू लिमिट से कम तो टैक्स नहीं
उन्होंने कहा कि यह ध्यान में रखना होगा कि टैक्स से छूट के लिए 50,000 रुपये की गिफ्ट की वैल्यू की लिमिट में सभी गिफ्ट्स शामिल हैं। हालांकि, वसीयत (Will) या विरासत में मिला पैसा सेक्शन 56(2) के दायरे से बाहर है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को वसीयत या विरासत में पैसा मिला है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। इसकी वजह यह है कि इंडिया में इनहेरिटेंस टैक्स नहीं है। इसलिए अगर पिता की मौत के बाद ज्वाइंट अकाउंट का पैसा उसके बेटे को ट्रांसफर हुआ है तो उसे बेटे की इनकम नहीं माना जाएगा।
विरासत में मिले पैसे पर टैक्स नहीं
जैन ने कहा कि इस मामले में यह माना गया है कि पिता का सिर्फ एक बेटा है, जिसके साथ ज्वाइंट अकाउंट ओपन किया गया था। अगर पिता के एक से ज्यादा बेटे या बेटी हैं और निधन से पहले उन्होंने कोई वसीयत नहीं बनाई थी तो ज्वाइंट अकाउंट का पैसा सभी बेटे-बेटी के बीच बंटेगा। यह पैसा विरासत के रूप में पिता से बेटे या बेटों या बेटियों को मिला है इसे उनकी इनकम नहीं माना जाएगा। इसलिए उन्हें इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाना होगा।