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Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न की ड्यू डेट और लास्ट डेट के बीच फर्क जान लीजिए, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान

इस बार इनकम टैक्स रिटर्न 15 सितंबर तक फाइल किया जा सकता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। जल्द रिटर्न फाइल करने के कई फायदें हैं

अपडेटेड Aug 08, 2025 पर 11:34 AM
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ITR फाइलिंग में दो डेट्स सबसे अहम हैं। पहली, ड्यू डेट है और दूसरी लास्ट डेट है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस बार टैक्सपेयर्स को ज्यादा समय मिल गया है। कई टैक्सपेयर्स ने अपने रिटर्न फाइल कर दिए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। जल्द रिटर्न फाइल करने के कई फायदें हैं। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने की ड्यू डेट और लास्ट डेट के बीच फर्क को भी ठीक तरह से समझ लने की जरूरत है। मनीकंट्रोल ने इस बारे में टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से बातचीत की।

रिटर्न फाइलिंग के लिए ये दो डेट्स सबसे अहम

जैन ने कहा कि ITR फाइलिंग में दो डेट्स सबसे अहम हैं। पहली, ड्यू डेट है और दूसरी लास्ट डेट है। इन दोनों डेट्स के बीत जाने के बाद आप अपना Income Tax Return फाइल नहीं कर सकते। आम तौर पर लोग समझते हैं कि ड्यू डेट ही लास्ट डेट है। इसके बाद रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता। लेकिन, यह सच नहीं है। इस बारे में विस्तार से समझ लेना जरूरी है।


ड्यू डेट के भी ITR फाइल किया जा सकता है

अगर आप अपना रिटर्न ड्यू डेट तक सब्मिट नहीं कर पाते हैं तो आपके पास उसे लास्ट डेट तक फाइल करने का विकल्प है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की ड्यू डेट 31 जुलाई, 2025 थी। लेकिन, इसे बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया गया। अगर कोई टैक्सपेयर इस साल 15 सितंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो वह 31 दिसंबर, 2025 तक इसे फाइल कर सकता है। यह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट है। इसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की फाइनल डेडलाइन भी कहा जाता है। इस तारीख के बाद रिटर्न फाइल करना मुमकिन नहीं होगा।

रिटर्न फाइल नहीं करने के कई नुकसान

सवाल है कि अगर कोई टैक्सपेयर रिटर्न फाइल नहीं करता है तो क्या होगा? अगर कोई व्यक्ति ड्यू डेट (15 सितंबर, 2025) तक रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसे कुछ खास तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। अगर उसे कोई लॉस हुआ है, जिसे भविष्य में होने वाले गेंस के साथ सेट-ऑफ करने के लिए कैरी-फॉरवर्ड करने का वह हकदार है तो वह इस बेनेफिट को गंवा देगा। इसके अलावा अगर 31 मार्च, 2025 तक पूरा एडवान्स टैक्स नहीं चुकाया गया है तो उसे शॉर्टफॉल पर इंटरेस्ट चुकाना होगा भले ही उसका पेमेंट बाद में किया जाए।

लास्ट डेट तक रिटर्न फाइल करने पर क्या होगा

इस सवाल के जवाब को हम एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझ सकते हैं। मान लीजिए राजीव शर्मा एक सीनियर सिटीजन हैं। उन्हें बैंक इंटरेस्ट, शेयरों और म्यूचुअल फंड्स के डिविडेंड से इनकम होती है। शर्मा सीनियर सिटीजन हैं तो उन्हें एडवान्स टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। लेकिन, उन्हें 15 सितंबर, 2025 से रिटर्न फाइल करने तक के पीरियड के टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाना होगा। अगर वह रिफंड के हकदार हैं तो ड्यू डेट तक रिटर्न फाइल नहीं करने की वजह से वह इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट को गंवा सकते हैं।

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लेट फीस कुल टैक्सेबल इनकम पर निर्भर

अगर शर्मा 15 सितंबर, 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो उन्हें लेट फीस चुकानी होगी। यह लेट फीस कितनी होगी, इसका निर्धारण उनकी इनकम के आधार पर होगा। अगर उनकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो लेट फीस 5,000 रुपये होगी। अगर उनकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो लेट फीस 1,000 रुपये होगी।

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