ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नया इनकम टैक्स अपडेटेड रिटर्न फॉर्म, यानी ITR-U नोटिफाई कर दिया है। यह फॉर्म बजट 2025 में किए गए बदलावों के आधार पर तैयार किया गया है और 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है।
ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नया इनकम टैक्स अपडेटेड रिटर्न फॉर्म, यानी ITR-U नोटिफाई कर दिया है। यह फॉर्म बजट 2025 में किए गए बदलावों के आधार पर तैयार किया गया है और 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब टैक्सपेयर्स को अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए 48 महीने यानी 4 साल का समय मिलेगा। पहले यह समयसीमा 24 महीने की थी, जिसे फाइनेंस एक्ट 2025 में बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब ये है कि आप अब वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए भी अपडेटेड ITR फाइल कर सकते हैं।
देरी से फाइल करने पर देना होगा ज्यादा टैक्स
अगर आप ड्यू डेट के पहले साल में ITR-U फाइल करते हैं, तो आपको टैक्स और ब्याज पर 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा। दूसरे साल में यह बढ़कर 50% हो जाएगा। तीसरे साल में यह 60% और चौथे साल में 70% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
हर साल के लिए ITR-U की डेडलाइन क्या है?
वित्त वर्ष (FY) | ITR-U की डेडलाइन |
2020–21 | 31 मार्च 2026 |
2021–22 | 31 मार्च 2027 |
2022–23 | 31 मार्च 2028 |
2023–24 | 31 मार्च 2029 |
कानूनी बदलाव का ध्यान रखना भी जरूरी
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(8A) में भी संशोधन हुआ है। अब अगर किसी असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 36 महीने बाद आपके खिलाफ सेक्शन 148A के तहत शो-कॉज नोटिस जारी हो जाता है, तो आप उस साल के लिए ITR-U फाइल नहीं कर सकते। हालांकि, अगर सेक्शन 148A(3) के तहत असेसिंग ऑफिसर यह आदेश देता है कि केस री-असेसमेंट लायक नहीं है, तो आप 48 महीने के भीतर ITR-U फाइल कर सकते हैं।
सेक्शन 140B को भी अपडेट किया गया है ताकि लेट फाइलिंग पर बढ़े हुए टैक्स को शामिल किया जा सके। साथ ही, रूल 12AC में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे नया ITR-U प्रोसेस पूरी तरह लागू हो सके।
पहले जैसी ही रहेंगी कुछ शर्तें
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