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ITR Filing 2025: नया ITR-U फॉर्म हुआ नोटिफाई, फाइल करने से पहले जानिए बड़े बदलाव

Income Tax Filing: 2025 से लागू नए ITR-U फॉर्म के तहत अब टैक्सपेयर्स को 4 साल तक अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का मौका मिलेगा। आइए जानते हैं कि ITR-U फॉर्म किसे फाइल करना होगा, अतिरिक्त टैक्स कितना लगेगा और इसमें क्या बड़े कानूनी बदलाव हुए हैं।

अपडेटेड May 20, 2025 पर 4:31 PM
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अगर आप ड्यू डेट के पहले साल में ITR-U फाइल करते हैं, तो आपको टैक्स और ब्याज पर 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।

ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नया इनकम टैक्स अपडेटेड रिटर्न फॉर्म, यानी ITR-U नोटिफाई कर दिया है। यह फॉर्म बजट 2025 में किए गए बदलावों के आधार पर तैयार किया गया है और 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है।

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब टैक्सपेयर्स को अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए 48 महीने यानी 4 साल का समय मिलेगा। पहले यह समयसीमा 24 महीने की थी, जिसे फाइनेंस एक्ट 2025 में बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब ये है कि आप अब वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए भी अपडेटेड ITR फाइल कर सकते हैं।

देरी से फाइल करने पर देना होगा ज्यादा टैक्स


अगर आप ड्यू डेट के पहले साल में ITR-U फाइल करते हैं, तो आपको टैक्स और ब्याज पर 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा। दूसरे साल में यह बढ़कर 50% हो जाएगा। तीसरे साल में यह 60% और चौथे साल में 70% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।

हर साल के लिए ITR-U की डेडलाइन क्या है?

वित्त वर्ष (FY)
ITR-U की डेडलाइन
2020–21 31 मार्च 2026
2021–22 31 मार्च 2027
2022–23 31 मार्च 2028
2023–24 31 मार्च 2029

कानूनी बदलाव का ध्यान रखना भी जरूरी

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(8A) में भी संशोधन हुआ है। अब अगर किसी असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 36 महीने बाद आपके खिलाफ सेक्शन 148A के तहत शो-कॉज नोटिस जारी हो जाता है, तो आप उस साल के लिए ITR-U फाइल नहीं कर सकते। हालांकि, अगर सेक्शन 148A(3) के तहत असेसिंग ऑफिसर यह आदेश देता है कि केस री-असेसमेंट लायक नहीं है, तो आप 48 महीने के भीतर ITR-U फाइल कर सकते हैं।

सेक्शन 140B को भी अपडेट किया गया है ताकि लेट फाइलिंग पर बढ़े हुए टैक्स को शामिल किया जा सके। साथ ही, रूल 12AC में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे नया ITR-U प्रोसेस पूरी तरह लागू हो सके।

पहले जैसी ही रहेंगी कुछ शर्तें

  • ITR-U के जरिए रिफंड क्लेम नहीं कर सकते।
  • आप पुराने रिटर्न में दिखाई गई इनकम को घटा नहीं सकते।
  • लॉस कैरी फॉरवर्ड भी ITR-U से नहीं किया जा सकता।
  • अगर किसी साल का केस इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले ही खोल दिया है, तो उस साल के लिए आप ITR-U नहीं फाइल कर सकते।

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