Silver Rate: दशहरे के साथ शारदीय नवरात्र खत्म होते ही सोने और चांदी की कीमतों को झटका लगा है। तेजी थम चुकी है और अब गिरावट शुरू हो गई है। चांदी की बात करें तो 3 अक्टूबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर शुरुआती कारोबार में दिसंबर में डिलीवरी वाले सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट का वायदा भाव 2759 रुपये टूटकर 141961 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया।
इससे पहले शारदीय नवरात्र के दौरान चांदी ने लगभग हर रोज नया पीक क्रिएट किया था। 1 अक्टूबर को कीमत MCX पर 144720 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। दिल्ली के सराफा बाजार में 1 अक्टूबर को भाव 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहा था। यह इसका रिकॉर्ड हाई है। रॉयटर्स के मुताबिक, यूएस स्पॉट सिल्वर 0.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 46.85 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है।
सोने की कीमत में लगातार आ रही तेजी पर भी ब्रेक लग गया है। दशहरा बीतते ही 3 अक्टूबर को कीमत MCX पर 900 रुपये लुढ़ककर 115869 रुपये प्रति 10 ग्राम के लो तक चली गई। सोने ने भी शारदीय नवरात्रि के दौरान लगभग हर रोज नया रिकॉर्ड हाई क्रिएट किया था। बुधवार को दिल्ली के सराफा बाजार में सोना 1100 रुपये की छलांग लगाते हुए 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया था।
न्यूयॉर्क के बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.3 प्रतिशत गिरकर 3,844.01 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है। दिसंबर में डिलीवरी वाला यूएस गोल्ड फ्यूचर 3,867.70 डॉलर प्रति औंस के पिछले स्तर पर ही बरकरार है।
किन वजहों से बढ़ा था सोना
भारत के अंदर फेस्टिव डिमांड, घरेलू शेयर बाजारों की निराशा जैसे डोमेस्टिक फैक्टर्स ने सोने की खरीद बढ़ाई। वहीं ग्लोबल फैक्टर्स में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद, अमेरिकी सरकार के कामकाज ठप होने की आशंका और कमजोर डॉलर ने खरीद को बढ़ावा दिया। अमेरिका से कमजोर श्रम आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को बल दिया। इन सब कारणों से सेफ एसेट के तौर पर सोने की डिमांड और बढ़ी।
अमेरिकी सीनेट मंगलवार (30 सितंबर) को फंडिंग एक्सटेंशन को पास करने में विफल रही, जिससे फेडरल शटडाउन की आशंका बढ़ गई है। सरकारी कामकाज ठप होने से शुक्रवार के नॉन-फार्मा पेरोल डेटा सहित प्रमुख आंकड़ों के जारी होने में देरी हो सकती है।