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Income Tax Return 2025: एफएंडओ ट्रेडिंग करते हैं तो टैक्स के नियमों को जान लीजिए, नहीं तो मुश्किल में फसेंगे

एफएंडओ में टर्नओवर का कैलकुलेशन हर ट्रेड से होने वाले प्रॉफिट या लॉस के आधार पर होता है। लॉस की स्थिति में टर्नओवर का कैलकुलेशन और मुश्किल हो जाता है। स्पेकुलेटिव लॉस को सिर्फ स्पेकुलेटिव गेंस से ऑफसेट किया जा सकता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jul 03, 2025 पर 10:21 AM
Income Tax Return 2025: एफएंडओ ट्रेडिंग करते हैं तो टैक्स के नियमों को जान लीजिए, नहीं तो मुश्किल में फसेंगे
एफएंडओ ट्रेडर्स के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR फॉर्म-3 सही फॉर्म है।

आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) ट्रेडिंग करते हैं तो इसके टैक्स के नियमों को जान लेना जरूरी है। एफएंडओ में टर्नओवर का कैलकुलेशन हर ट्रेड से होने वाले प्रॉफिट या लॉस के आधार पर होता है।  लॉस की स्थिति में टर्नओवर का कैलकुलेशन और मुश्किल हो जाता है। स्पेकुलेटिव लॉस को सिर्फ स्पेकुलेटिव गेंस से ऑफसेट किया जा सकता है। ये दोनों एक ही फाइनेंशियल ईयर के होने चाहिए। इसे सिर्फ चार साल तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।

लॉसेज को सेट-ऑफ किया जा सकता है

F&O ट्रेडिंग से नॉन-स्पेकुलेटिव लॉसेज के नियम ज्यादा मुश्किल नहीं हैं। इन्हें सेम ईयर में किसी भी तरह की इनकम (सैलरी छोड़कर) सेट-ऑफ किया जा सकता है। इसे 8 साल तक कैरी-फॉरवर्ड किया जा सकता है। इससे ट्रेडर्स को टैक्स-प्लानिंग में मदद मिलती है। इसलिए F&O से होने वाली इनकम से उन ट्रेडर्स को काफी मदद मिल जाती है जो अपनी टैक्स लायबिलिटी को अच्छी तरह से मैनेज करना चाहते हैं।

एफएंडओ ट्रेडिंग स्पेकुलेटिव ट्रांजेक्शन नहीं है 

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