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Income Tax Return 2025: आईटीआर में गलत जानकारी दी तो जेल जाना पड़ सकता है, जानिए क्या है इनकम टैक्स का नियम

Income tax return 2025: इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 276सी में यह बताया गया है कि टैक्सपेयर्स की गलती साबित होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसके खिलाफ क्या-क्या कदम उठा सकता है। इनमें गलत डिडक्शन क्लेम करना, डिडक्शन के लिए फर्जी रसीद या सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करना, इनकम टैक्स रिटर्न में किसी इनकम के बारे में नहीं बताने पर होने वाली कार्रवाई के बारे में बताया गया है

अपडेटेड Jun 26, 2025 पर 11:42 AM
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सेक्शन 276सी में कहा गया है कि अगर टैक्सपेयर जानबूझकर टैक्स चोरी करता है और चोरी का अमाउंट 100000 रुपये से ज्यादा है तो उसे जेल की सजा हो सकती है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग सीजन शुरू हो गया है। हालांकि, इस बार टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए ज्यादा वक्त मिला है। टैक्सपेयर्स 15 सितंबर तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं। आमतौर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने भले ही डेडलाइन बढ़ाई है, लेकिन टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि डेडलाइन के करीब रिटर्न फाइल करने में जल्दबाजी में आपसे गलती हो सकता है, जिसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

रिटर्न फाइलिंग में बरतें सावधानी

Income Tax Department ज्यादा से ज्यादा लोगों को कंप्लायंस के तहत लाना चाहता है। इसके लिए वह अपने मॉनिटरिंग सिस्टम को लगातार मजबूत बना रहा है। वह लोगों के हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन पर नजर रखता है। डिपार्टमेंट को लगता है कि किसी टैक्सपेयर्स का हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन उसकी इनकम से मैच नहीं करता है तो वह टैक्सपेयर को नोटिस भेजता है। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में आपको खूब सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको यह ध्यान में रखना है कि छोटी-बड़ी हर इनकम के बारे में रिटर्न में बताना जरूरी है। अगर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आपको मुनाफा हुआ तो उसके बारे में रिटर्न में बताना होगा।


गलती पर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल किया जा सकता है

एक टैक्स कंसल्टेंसी फर्म के पार्टनर ने कहा, "इनकम टैक्स रिटर्न के मामले में आपको पूरी गंभीरता बरतना चाहिए। रिटर्न फाइल करने से पहले आपको अपनी हर इनकम की पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। अगर आप किसी इनकम के बारे में रिटर्न में बताना भूल जाते हैं तो बाद में आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है। अगर डिपार्टमेंट को यह लगेगा कि आपने जानबूझकर ऐसा किया है तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते है।"

टेक्सपेयर्स को पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 276सी में यह बताया गया है कि टैक्सपेयर्स की गलती साबित होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसके खिलाफ क्या-क्या कदम उठा सकता है। इनमें गलत डिडक्शन क्लेम करना, डिडक्शन के लिए फर्जी रसीद या सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करना, इनकम टैक्स रिटर्न में किसी इनकम के बारे में नहीं बताने पर होने वाली कार्रवाई के बारे में बताया गया है। इस सेक्शन के मुताबिक, अगर टैक्सपेयर्स दोषी पाया जाता है तो उसे अपनी टैक्स लायबिलिटी की 200 फीसदी तक पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है। इतना ही नहीं, उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

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जानबूझकर गलती पर जेल की सजा भी हो सकती है

सेक्शन 276सी में कहा गया है कि अगर टैक्सपेयर जानबूझकर टैक्स चोरी करता है और चोरी का अमाउंट 100000 रुपये से ज्यादा है तो उसे जेल की सजा हो सकती है। पहले सजा 6 महीने के लिए होगी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 7 साल तक किया जा सकता है। साथ ही टैक्सपेयर पर पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर टैक्सपेयर्स अनजाने में किसी इनकम को बताना भूल जाता है तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। इसकी याद आने पर वह रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकता है। अगर आपको बाद में भी याद नहीं आता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेजता है तो आप डिपार्टमेंट को सही बात बता सकते हैं।

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