टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें खासकर एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) एक्सेस करने में दिक्कत आ रही है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। अगर डेडलाइन तक रिटर्न फाइल नहीं हुआ तो टैक्सपेयर्स को बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी लगेगी। साथ ही टैक्स पर इंटरेस्ट भी भरना होगा।
इस बार स्थिति काफी मुश्किल हो गई है
निमित कंसल्टेंसी के फाउंडर और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितेश बुद्धदेव ने कहा, "इस बात से मामला काफी जटिल हो गया है कि इनकम टैक्स की बढ़ाई गई डेडलाइन और फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए एडवान्स टैक्स की दूसरी किस्त भरने की डेडलाइन एक साथ पड़ रही हैं। एक तरफ रिटर्न फाइल करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल को एक्सेस करने में दिक्कत आ रही है तो दूसरी तरफ टैक्सपेयर्स एडवान्स टैक्स की दूसरी किस्त नहीं भर पा रहे हैं।"
डेडलाइन नजदीक आने पर टेक्निकल दिक्कत बढ़ती है
ई-फाइलिंग पोर्टल में टैक्स फाइलिंग डेडलाइन करीब आने पर टेक्निकल प्रॉब्लम्स बढ़ जाती हैं। एसबीएचएस एंड एसोसिएट्स के फाउंडिंग पार्टनर हिमांक सिंगला ने कहा, "ई-पे चालान काम नहीं कर रहे। एआईएस और 26एएस लोड नहीं हो रहे हैं। चालान पेमेंट्स के बाद आईटीआर ड्राफ्ट्स गायब हो जा रहे हैं। कई बार तो आईटीआर फॉर्म सेलेक्ट करते ही 'एक्सेस डिनाइड' एरर का मैसेज आ रहा है।" अगर ये दिक्कतें जारी रहती हैं तो टैक्सपेयर्स की मुश्किल बढ़ सकती हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने डेडलाइन बढ़ाने की मांग की
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, दूसरे प्रोफेशनल बॉडीज और यहां तक कि BJP के सासंदों ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को लेटर लिखकर टैक्स फाइलिंग डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार इनकम टैक्स फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ा भी देती है तो एडवान्स टैक्स पेमेंट का मसला बना रहेगा। ऐसे में सवाल है कि क्या सरकार इस पर भी पेनाल्टी माफ करेगी?
एडवान्स टैक्स की दूसरी किस्त पेमेंट की डेडलाइन भी 15 सितंबर
सैलरीड टैक्सपेयर्स सहित टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर तक अपनी कुल एडवान्स टैक्स लायबिलिटी का 45 फीसदी तक पेमेंट करना जरूरी है। पेमेंट नहीं करने पर सेक्शन 234सी के तहत पेनाल्टी चुकानी पड़ेगी। सिंगला ने कहा कि अगर एडवान्स टैक्स की दूसरी किस्त का पेमेंट नहीं होता है तो बगैर किसी गलती के टैक्सपेयर्स पर पेनाल्टी लग सकती है। यह बहुत निराशाजनक है कि पूरे देश से पोर्टल के ठीक तरह से काम नहीं करने की शिकायत आने के बावजूद अथॉरिटीज इस बात पर अड़े हुए हैं कि सिस्टम ठीक तरह से काम कर रहा है।
दूसरी किस्त का पेमेंट नहीं करने पर होगा नुकसान
अगर कोई टैक्सपेयर एडवान्स टैक्स की दूसरी किस्त नहीं चुकाता है तो उसे नुकसान होगा। इसे हम एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं। मान लीजिए आपकी कुल कैपिटल गेंस टैक्स लायबिलिटी 2 लाख रुपये है। एक लाख रुपये जून में और बाकी एक लाख रुपये सितंबर में चुकाना होगा। अगर एडवान्स टैक्स का पेमेंट नहीं होता है तो पेमेंट की हर तय तारीख पर शॉर्टफॉल होगा, जिस पर टैक्सपेयर को इंटरेस्ट चुकाना होगा। इसलिए शॉर्टफॉल अगर 15 जून तक 15,000 रुपये का है तो उस पर इंटरेस्ट 450 (तीन महीने के लिए 1 फीसदी के रेट से) रुपये बनेगा। 15 सितंबर तक शॉर्टफॉल 90,000 रुपये (2,00,000 रुपये का 45 फीसदी) का होगा। इस पर इंटरेस्ट 2,700 रुपये चुकाना होगा।