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Income Tax Return: मुझे बैंक इंटरेस्ट, कैपिटल गेंस और डिविडेंड से इनकम हुई है, मैं 16 सितंबर तक रिटर्न नहीं फाइल कर पाया, अब मेरे लिए क्या रास्ता है?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिहाज से दो तारीखें अहम होती हैं-ड्यू डेट और लास्ट डेट। कई लोग ड्यू डेट को फाइनल डेट समझ लेते हैं। उन्हें लगता है कि इसके बीत जाने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता। ऐसी सोच गलत है

अपडेटेड Oct 08, 2025 पर 6:16 PM
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एसेसमेंट ईयर 2025-26 (FY2024-25) के लिए ऑरिजिनल ड्यू डेट 31 जुलाई, 2025 थी। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया था।

इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 16 सितंबर थी। कई लोग इस तारीख तक रिटर्न फाइल करने से चूक गए। इनमें नोएडा के घनश्याम अग्रवाल भी शामिल हैं। उन्होंने बताया है कि उन्हें बैंक इंटरेस्ट, कैपिटल गेंस और डिविडेंड से इनकम हुई है। वह किसी वजह से 16 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए। वह जानना चाहते हैं कि क्या वह अब भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं। मनीकंट्रोल ने यह सवाल टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन से पूछा।

आटीआर के लिए ड्यू डेट और लास्ट डेट अहम हैं

जैन ने कहा कि Income Tax Return फाइल करने के लिहाज से दो तारीखें अहम होती हैं-ड्यू डेट और लास्ट डेट। कई लोग ड्यू डेट को फाइनल डेट समझ लेते हैं। उन्हें लगता है कि इसके बीत जाने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता। ऐसी सोच गलत है। अगर आप ड्यू डेट तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो आप लास्ट डेट से पहले फाइल कर सकते हैं। एसेसमेंट ईयर 2025-26 (FY2024-25) के लिए ऑरिजिनल ड्यू डेट 31 जुलाई, 2025 थी। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया था।


ड्यू डेट बीतने के बाद भी फाइल किया जा सकता है रिटर्न

उन्होंने कहा कि घनश्याम अग्रवाल 16 सितंबर की ड्यू डेट तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं तो वह 31 दिसंबर, 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर वह 31 दिसंबर तक भी रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो वह 1 अप्रैल, 2026 से खास स्थितियों में अपडेटेड आईटीआर फाइल कर सकते है। लेकिन, इसके लिए उन्हें बकाया टैक्स के साथ ही अतिरिक्त इंटरेस्ट और टैक्स चुकाना होगा। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि ड्यू डेट तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर कुछ नुकसान उठाना पड़ता है।

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ड्यू डेट के बाद रिटर्न फाइल करने में नुकसान

जैन ने कहा कि ड्यू डेट तक अगर आप रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो अगर करेंट ईयर में कोई लॉस है तो आप उसे आने वाले सालों में सेट-ऑफ करने के लिए कैरी-फॉरवर्ड नहीं कर सकेंगे। अगर पर्याप्त एडवान्स टैक्स नहीं चुकाया गया है तो इसमें हुई देर के लिए इंटरेस्ट चुकाना होगा। अगर आप रिफंड के हकदार हैं तो देरी वाले पीरियड पर मिलने वाला इंटरेस्ट गंवाना पड़ सकता है। इसके अलावा लेट फाइलिंग फीस भी लगेगी। 5 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर यह 5,000 रुपये है। 5 लाख से कम सालाना इनकम पर यह 1,000 रुपये है।

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