अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो आज जरूर फाइल कर दें। 15 सितंबर आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख है। हालांकि, टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट में दिक्कत आ रही है। एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटेमेंट (एआईएस) और फॉर्म 26एएस डाउनलोड करने में भी दिक्कत आ रही है। इसलिए रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाने की मांग हो रही है। लेकिन, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर लगेगी पेनाल्टी
15 सितंबर तक Income Tax Return फाइल नहीं किया तो आपके पास 31 दिसंबर, 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का विकल्प है। लेकिन, इसके लिए आपको पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाना होगा। अगर आपकी इनकम सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए आपको 5,000 रुपये पेनाल्टी चुकानी होगी। सालाना इनकम इससे कम होने पर 1,000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी। लेकिन, यह जान लेना आपके लिए जरूरी है कि अंतिम तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर आपको कुछ दूसरे बेनेफिट्स से भी हाथ धोने पड़ेंगे।
बकाया टैक्स पर हर महीने 1 फीसदी इंटरेस्ट भी लगेगा
अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर आप शेयरों, म्यचुअल फंड या प्रॉपर्टी पर हुए कैपिटल लॉस को कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकेंगे। अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह ध्यान में रखना होगा कि 15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर आप इस रीजीम में उपलब्ध एग्जेम्प्शंस और डिडक्शंस का फायदा नहीं उठा सकेंगे। साथ ही आपको बकाया टैक्स पर हर महीने 1 फीसदी के रेट से इंटरेस्ट भी चुकान होगा।
कार लोन और होम लोन एप्रूवल में भी आएगी दिक्कत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि देर से रिटर्न फाइल करने का बड़ा नुकसान यह है कि आपका रिफंड देर से आएगा। दूसरा, अगर कार लोन या होम लोन लेना चाहते हैं तो उसमें भी आपको दिक्कत आएगी। बैंक और एनबीएपसी लोन के अप्लिकेशन के साथ पिछले तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं। ऐसे में आपके होम लोन या कार लेन के अप्लिकेशन के एप्रूवल में भी समय लग सकता है।
टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ने की उम्मीद
कई टैक्सपेयर्स यह अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार रिटर्न फाइलिंग के डेडलाइन बढ़ाएगी। उनका कहना है कि पिछले साल 31 जुलाई तक 7.28 करोड़ रिटर्न फाइल किए गए थे। लेकिन, इस बार 14 सितंबर तक 6 करोड़ से कुछ ज्यादा रिटर्न ही फाइल किए गए। इसका मतलब है कि अभी 1 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल नहीं हुए हैं।