Income Tax Return: आईटीआर-3 का इंतजार करने वाले टैक्सपेयर्स अब रिटर्न कर सकते हैं फाइल

Income Tax Return: ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते है। खासकर किसी फर्म में पार्टनर्स और डॉक्टर, वकील और कंस्लटेंट्स इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं

अपडेटेड Jul 30, 2025 पर 5:28 PM
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टैक्सपेयर्स को कैपिटल गेंस पर टैक्स के नए नियम का ध्यान रखना होगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि आईटीआर-3 फॉर्म अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध हो गया है। इस फॉर्म का इंतजार करने वाले टैक्सपेयर्स अब ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अब तक सिर्फ रिटर्न फाइलिंग के लिए सिर्फ ऑफलाइन यूटिलिटी उपलब्ध था। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख 15 सितंबर है। आम तौर पर 31 जुलाई रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन होती है।

डॉक्टर, वकील, कसंल्टेंट्स कर सकते हैं  इस्तेमाल

Income Tax Department ने इस बारे मे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा है, "टैक्सपेयर्स ध्यान दें! अब ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए आईटीआर-3 फॉर्म उपलब्ध है।" आईटीआर-3 फॉर्म इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs) के लिए है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते है। खासकर किसी फर्म में पार्टनर्स और डॉक्टर, वकील और कंस्लटेंट्स इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।


बिजनेस से इनकम और विदेश में एसेट्स है तो करना होगा इस्तेमाल

अगर किसी को स्पेकुलेटिव एक्टिविटीज जैसे F&O ट्रेडिंग, इंट्रा-डे ट्रेडिंग या करेंसी/कमोडिटी ट्रेडिंग से इनकम हुई है तो उसे आईटीआर-3 का इस्तेमाल करना होगा। अगर किसी टैक्सपेयर के पास एक से ज्यादा घर है, कैपिटल गेंस हुआ है, विदेश में एसेट्स है और साथ में बिजनेस इनकम है तो उसे आईटीआर-3 का इस्तेमाल करना होगा। अगर किसी टैक्सपेयर ने प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन का चुनाव किया है, लेकिन इनकम तय सीमा से ज्यादा है या वह सेक्शन 44एडी, 44एडीए या 44एई के तहत तय लिमिट से कम प्रॉफिट डेक्लेयर करना चाहता है तो वह ITR-3 का इस्तेमाल कर सकता है।

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कैपिटल गेंस के नए नियमों का रखना होगा इस्तेमाल

टैक्सपेयर्स को कैपिटल गेंस पर टैक्स के नए नियम का ध्यान रखना होगा। नए नियम 23 जुलाई, 2024 से लागू हैं। अगर शेयर या म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम की यूनिट्स को 12 महीने के अंदर बेच दिया जाता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा। इस पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। अगर 12 महीने के बाद बेचा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा। इस पर 12.5 फीसदी के रेट से टैक्स लगेगा। 23 जुलाई, 2024 से पहले अगर कैपिटल गेंस हुआ है तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर 15 फीसदी और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा।

MoneyControl News

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First Published: Jul 30, 2025 5:17 PM

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