Income Tax Return: 12 लाख टैक्स-फ्री इनकम के नियम का फायदा उठाना चाहते हैं? तो पहले ये बातें जान लें

Income Tax Return 2025: सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट का नियम फाइनेंशियल ईयर 2025-26 से लागू होगा। इसका मतलब है कि 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक हुई इनकम पर यह फैसला लागू नहीं होगा

अपडेटेड Jul 28, 2025 पर 1:42 PM
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आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो इनकम टैक्स के पुराने नियम ही लागू होंगे।

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है। 1 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल कर दिए हैं। कई टैक्सपेयर्स यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए इनकम टैक्स की पुरानी और नई रीजीम में से कौन फायदेमंद है। इसकी बड़ी वजह सरकार का यूनियन बजट 2025 में किया गया एक बड़ा ऐलान है। सरकार ने इस साल फरवरी में पेश बजट में कहा था कि 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार ने नई रीजीम के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए थे। कई टैक्सपेयर्स को लगता है कि यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो चुका है। लेकिन, ऐसा सोचना गलता है।

12 लाख तक की टैक्स-छूट का नियम FY26 से

सच यह है कि सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट का नियम फाइनेंशियल ईयर 2025-26 से लागू है। इसका मतलब है कि 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक हुई इनकम पर यह फैसला लागू नहीं होगा। इस साल टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने में इस टैक्स बेनेफिट का फायदा नहीं मिलेगा। अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो इनकम टैक्स के पुराने नियम ही लागू होंगे। चार्टर्ड अकाउंटेंट बलवंत जैन ने कहा, "टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने से पहले नई और पुरानी दोनों रीजीम के फायदों को देख लेना चाहिए। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनका एचआरए कंपोनेंट ज्यादा है, उनके लिए पुरानी रीजीम ज्यादा फायदेमंद है।"


FY25 के रिटर्न में डिडक्शन के फायदें

FY25 का रिटर्न फाइल करने में कई डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस का फायदा टैक्सपेयर्स उठा सकते हैं। खासकर अगर किसी टैक्सपेयर्स ने FY25 के दौरान टैक्ससेविंग्स इनवेस्टमेंट की है तो वह डिडक्शन क्लेम कर सकता है। सेक्शन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट से 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस और सेक्शन 24बी के तहत होम लोन इंटरेस्ट पर भी डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। किराए के घर में रहने वाले टैक्सपेयर्स एचआरए क्लेम कर सकते हैं। साथ ही 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करने से कुल डिडक्शन 3-4 लाख रुपये के पार सकता है।

कुछ टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड रीजीम ज्यादा फायदेमंद

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर नीरज अग्रवाल के मुताबिक, इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम कुछ खास इनकम लेवल वाले टैक्सपेयर्स के लिए ज्यादा फायदेमंद है। उन्होंने कहा, "टैक्सपेयर्स ओल्ड रीजीम में सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन, सेक्शन 80डी के तहत 75,000 रुपये तक डिडक्शन, एचआरए के तहत डिडक्शन, होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्शन और एजुकेशन लोन पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। "

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रिटर्न फाइल करने से पहले देखें किस रीजीम में ज्यादा फायदा

उन्होंने कहा कि अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 15 लाख रुपये है तो ओल्ड रीजीम में उसे तभी फायदा होगा, जब वह करीब 4 लाख रुपये का डिडक्शन क्लेम करेगा। अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 20 लाख रुपये है तो उसे 4.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम करने पर ही ओल्ड रीजीम फायदेमंद होगा। इसका मतलब है कि अभी डिफॉल्ट टैक्स रीजीम यानी इनकम टैक्स की नई रीजीम को टैक्स कैलकुलेशन के बाद ही सेलेक्ट करें। नई रीजीम का फायदा टैक्सपेयर्स को अगले साल रिटर्न फाइल करते वक्त मिलेगा।

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First Published: Jul 28, 2025 1:27 PM

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