अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर-यू) फाइल करने का प्लान रहे टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एसेसमेंट ईयर 2020-21 और 2022-23 का अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए विंडो ओपन कर दिया है। ऐसे टैक्सपेयर्स जो अपनी किसी इनकम को इनकम टैक्स रिटर्न में बताना भूल गए थे या जानकारी देने में कोई गलती हो गई थी,वे अपने रिटर्न को अपडेट यानी सही कर सकते हैं।
अपडेटेड रिटर्न फाइलिंग की शुरआत 2022 में हुई थी
Income Tax Department ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया है। ITR-U फाइल करने के लिए टैक्सपेयर को ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर जाना होगा। अपडेटेड रिटर्न की शुरुआत 2022 में हुई थी। अपडेटेड रिटर्न की सुविधा ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए शुरू की गई थी, जो किसी वजह से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से चूक गए थे, आईटीआर में कोई गलत जानकारी दी थी या अपनी किसी इनकम के बारे में रिटर्न में बताना भूल गए थे।
एसेसमेंट ईयर खत्म होने के 48 महीने के अंदर हो सकता है फाइल
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139(8A) में अपडेटेड रिटर्न के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि टैक्सपेयर्स एसेसमेंट इयर खत्म होने के 48 महीने के अंदर अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। पहले यह पीरियड 24 महीने था। यूनियन बजट 2025 में इसे बढ़ाकर 48 महीने कर दिया गया।
अपडेटेड रिटर्न की सुविधा के फायदे
कई बार कुछ मजबूरियों की वजह से कुछ टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं। हालांकि, डेडलाइन तक रिटर्न नहीं फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए बिलेटेड रिटर्न फाइल करने की सुविधा है। लेकिन, कुछ ऐसे टैक्सपेयर्स भी होते हैं जो बिलेटेड रिटर्न फाइल करने से भी चूक जाते हैं। बिलेटेड रिटर्न संबंधित एसेसमेंट ईयर की 31 जुलाई तक फाइल किया जा सकता है। अगर किसी टैक्सपेयर ने न तो रिटर्न फाइल किया और न ही बिलेटेड रिटर्न फाइल किया, वह अपेडेटेड रिटर्न यानी ITR-U फाइल कर सकता है।
कौन नहीं फाइल कर सकता है ITR-U
कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिसमें टैक्सपेयर्स को अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की इजाजत नहीं है। अगर अपडेटेड रिटर्न फाइल करने से टैक्सपेयर की टैक्स लायबिलिटी घट जाती है या उसका रिफंड का क्लेम है तो वह अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं कर सकता। अगर किसी टैक्सपेयर्स के खिलाफ इनकम टैक्स की सर्च, सीजर का कार्रवाई हुई है या उसके खिलाफ कोर्ट में टैक्स को लेकर कोई मामला चल रहा है तो वह अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं कर सकता।
ITR-U फाइल करने के लिए ज्यादा टैक्स चुकाना होगा
अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर को अतिरिक्त टैक्स चुकाना पड़ता है। अगर वह संबंधित एसेसमेंट ईयर खत्म होने के 12 महीने के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल करता है तो उसे अतिरिक्त 12 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। अगर टैक्सपेयर 12 से 24 महीने के अंदर ITR-U फाइल करता है तो उसे 50 फीसदी अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा। 24 से 36 महीने के अंदर फाइल करने पर 60 फीसदी और 36-48 महीने के अंदर फाइल करने पर 70 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।