यूनियन बजट में इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के ऐलान किए गए। स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया। टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया। एनपीएस में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन बढ़ाया गया। इसके बावजूद जो टैक्सपेयर्स टैक्स डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का पूरा लाभ उठाते हैं, उन्हें ओल्ड टैक्स रीजीम अट्रैक्टिव लगती है। लेकिन, टैक्स कैलकुलेशन से पता चलता है कि भले ही ओल्ड रीजीम अट्रैक्टिव लगती है लेकिन नई रीजीम में मिड से हाई टैक्स ब्रैकेट वाले टैक्सपेयर्स की 13,000-16,250 रुपये ज्यादा टैक्स-सेविंग्स हो सकती है।
ओल्ड रीजीम में मिलता है HRA पर डिडक्शन
इसमें यह अनुमान लगाया है कि टैक्सपेयर्स हर डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का पूरा लाभ उठाता है। इसमें सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये, 80डी के तहत 75,000 रुपये (खुद और मातापिता की हेल्थ पॉलिसी), 80CCD(1B) के तहत एनपीएस में 50,000 कंट्रिब्यूशन और सेक्शन 24(B) के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये का डिडक्शन शामिल है। ज्यादा इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड रीजीम में एक बड़ा टैक्स बेनेफिट HRA का है।
एचआरए डिडक्शन के लिए सीमा तय नहीं
एचआरए के लिए कोई सीमा तय नहीं है। एक्चुअल एचआरए, बेसिक सैलरी का 50 फीसदी (नॉन-मेट्रो में 40 फीसदी) और एक्चुअल रेंट पेड माइनस बेसिक सैलरी का 10 फीसदी में से जो कम होता है वह लागू होता है। अगर टैक्सपेयर्स ज्यादा डिडक्शन क्लेम करता है तो उसके लिए ओल्ड टैक्स रीजीम अच्छी है। अगर ऐसा नहीं है तो टैक्सपेयर्स के लिए नई रीजीम अच्छी है। इसमें उसका टैक्स कम बनेगा।
टैक्स लायबिलिटी पर एचआरए का असर
मान लीजिए आपकी ग्रॉस सैलरी 60 लाख रुपये है। अगर आप 4.33 लाख रुपये का डिडक्शन (50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन सहित) क्लेम करते हैं तो पुरानी रीजीम में आपका टैक्स कम बनेगा। अगर आप 4.5 लाख रुपये (50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन सहित) का डिडक्शन क्लेम करते हैं तो पुरानी रीजीम में आपका टैक्स करीब 5,720 रुपये कम आएगा।
हाई नेटवर्थ टैक्सपेयर्स के लिए एचआरए मददगार
मान लीजिए आप 80सी, 80डी सहित सभी तरह के डिडक्शन क्लेम करने के अलावा 12 लाख रुपये का HRA क्लेम करते हैं तो आपकी टैक्स सेविंग्स बढ़कर 4,77,620 रुपये तक पहुंच जाएगी। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने कहा कि ज्यादातर सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए HRA वह फैक्टर हो सकता है जिसके आधार पर नई और पुरानी रीजीम में से किसी एक का चुनाव किया जा सकता है।
हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल जिसकी इनकम 5 करोड़ रुपये से ज्यााद है, उसके लिए नई टैक्स रीजीम फायदेमंद है। इसकी वजह यह है कि नई रीजीम में सरचार्ज 25 फीसदी है, जबकि पुरानी रीजीम में यह 37 फीसदी है। हालांकि, ऐसे मामलों में भी अगर टैक्सपेयर्स बड़े शहर में रहता है जहां उसे काफी ज्यादा रेंट चुकाना पड़ता है तो HRA की वजह से बड़ा फर्क पड़ सकता है।
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उदाहरण के लिए अगर किसी टैक्सपेयर की सैलरी 6 करोड़ रुपये है। वह हर महीने 5 लाख रुपये रेंट चुकाता है तो ओल्ड रीजीम में उसका टैक्स 2.92 लाख रुपये कम बनेगा। लेकिन, अगर टैक्सपेयर रेंट पर नहीं रहता है और एचआरए क्लेम करता है तो उसके लिए नई रीजीम फायदेमंद होगी, क्योंकि उसका टैक्स घटकर करीब 22 लाख रुपये रह जाएगा।