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Income Tax: वाइफ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं, क्या इस इनकम पर टैक्स चुकाना होगा?

अगर होम ट्यूशन देने से होने वाली इनकम एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर किस आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल करेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कुल कितनी इनकम होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 11, 2025 पर 8:18 AM
Income Tax: वाइफ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं, क्या इस इनकम पर टैक्स चुकाना होगा?
अगर ट्यूशन से ग्रॉस इनकम एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से कम है तो सेक्शन 44ADA के तहत प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है।

पत्नी का ट्यूशन पढ़ाना आम बात है। इससे परिवार को कुछ एक्स्ट्रा इनकम हो जाती है। पत्नी के खाली समय का इस्तेमाल भी हो जाता है। सवाल है कि क्या यह इनकम टैक्स के दायरे में आएगा? ट्यूशन पढ़ाने वाली ऐसी महिलाओं के इस सवाल का जवाब जानने के लिए मनीकंट्रोल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट सुरेश सुराणा से बातचीत की।

इनकम एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा तो ITR फाइल करना होगा

सुराणा ने बताया कि अगर होम ट्यूशन छोटे लेवल पर दी जाती है तो इससे होने वाली इनकम को 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के रूप में दिखाया जा सकता है। छोटे लेवल का मतलब है कि ट्यूशन देने के लिए किसी तरह का कमर्शियल सेटअप नहीं होना चाहिए। अगर पत्नी की कुल इनकम (इंटरेस्ट सहित) बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।

इनकम 50 लाख से ज्यादा तो प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन का विकल्प

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