SBI: एसबीआई चेक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चेक जारी करने वालों और ट्रांजेक्शन के लिए चेक से पेमेंट करने वालों को चेतावनी जारी की है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी के बावजूद अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो ट्रांजेक्शन के लिए चेक देते हैं। हालांकि, चेक ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो साल पहले पॉजिटिव पेय सिस्टम शुरू किया था। यह तरीका चेक लेने और पैसे देने, चेक ट्रांसफर करने और चेक क्लियर करने जैसे लेन-देन में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए उपयोगी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी काफी समय से पॉजिटिव पे सिस्टम चला रहा है। एसबीआई पॉजिटिव पे सिस्टम चेक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंक का लागू किया गया एक सुरक्षा उपाय है। यह चेक से छेड़छाड़ जैसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए उपयोगी साबित हुआ है।
पॉजिटिव पे सिस्टम में चेक की जानकारी को बैंक को दोबारा वैरिफाई करना होगा। चेक प्रोसेस करने और पेमेंट बैंक क्रॉस चेक बनाने के समय ये जानकारी चाहिए होती है। पॉजिटिव पे प्रोसेस चेक धोखाधड़ी से बचाती है। एसबीआई पॉजिटिव पे सिस्टम में दो स्टेप होते हैं। पहला अकाउंट रजिस्ट्रेशन और दूसरा है चेक जमा करना।
जो ग्राहक पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करना चाहते हैं उन्हें बैंक में तय फॉर्म के जरिये अप्लाई करना होगा और एक बार रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल रजिस्ट्रेशन बैंकिंग और योनो ऐप के जरिए भी किया जा सकता है। बचत खाते के मामले में 5 लाख रुपये या उससे अधिक के चेक के लिए और करेंट अकाउट, कैश क्रेडिट, ओवरड्राफ्ट जैसे खातों के मामले में 10 लाख रुपये या उससे अधिक के चेक के लिए पॉजिटिव पेय सिस्टम अनिवार्य है।
यदि ग्राहक किसी को चेक देता है, तो ये जानकारी बैंक को बतानी जरूरी है। अकाउंट नंबर, चेक संख्या, चेक की तारीख, चेक पर लिखा गया पैसा, लाभार्थी का नाम और बैंक का नाम बताया जाना जरूरी है। ये जानकारी इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एसएमएस के जरिए बैंक को बताई जा सकती है।