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वर्ल्ड रैंकिंग में सेविंग करने के मामले में भारत चौथें नंबर पर, चीन सबसे ज्यादा करता है सेविंग – SBI सर्वे

India rank four in world saving country china top in list sbi report says all details

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 12:18 PM
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सेविंग रेट 30.2% है, जो दुनिया के औसत 28.2% से ज्यादा है।

भारत में सेविंग करने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है और यह आधुनिक वित्तीय बदलावों के बावजूद भी जारी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सेविंग रेट 30.2% है, जो दुनिया के औसत 28.2% से ज्यादा है। इस सेविंग रेट के साथ भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सेविंग करने वाला देश बन गया है। चीन (46.6%), इंडोनेशिया (38.1%) और रूस (31.7%) इस लिस्ट में सबसे आगे हैं।

सेविंग के तरीकों में बदलाव

SBI की रिपोर्ट बताती है कि भारत में सेविंग के तरीके समय के साथ बदले हैं। 2011 में जहां केवल 50% लोग औपचारिक बैंकिंग सर्विस का इस्तेमाल करते थे, अब यह आंकड़ा 80% से अधिक हो गया है। इससे यह साफ होता है कि वित्तीय सर्विस अब ज्यादा लोगों तक पहुंच रही हैं।


नए निवेश के ऑप्शन की बढ़ती डिमांड

लोग अब पारंपरिक सेविंग जैसे बैंक जमा और कैश रखने के बजाय म्यूचुअल फंड, शेयर और डिबेंचर जैसे नए निवेश माध्यमों की ओर रुख कर रहे हैं। सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) भी निवेश के माध्यम के तौर पर काफी फेमस हुए हैं और इनमें निवेश तेजी से बढ़ा है। साल 2018 के मुकाबले SIP अकाउंट की संख्या चार गुना बढ़कर 4.8 करोड़ तक पहुंच गई है। शेयर और डिबेंचर में निवेश भी बढ़ा है। दस साल पहले इनका GDP में योगदान सिर्फ 0.2% था, जो अब 1% हो गया है।

नेट फाइनेंशियल सेविंग्स में बढ़ोतरी

नेट फाइनेंशियल सेविंग्स, यानी वह हिस्सा जो लोग फाइनेंशियर एसेट्स में लगाते हैं, 2014 में कुल सेविंग का 36% था। यह आंकड़ा 2021 में 52% तक पहुंच गया। हालांकि, 2022 और 2023 में इसमें हल्की गिरावट दर्ज की गई।

कैपिटल मार्केट और इकोनॉमिकल डेवलपमेंट का संबंध

SBI रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्केट कैप में 1% की बढ़ोतरी GDP में 0.6% तक की बढ़ोतरी कर सकती है। पिछले 10 सालों में मार्केट कैप के जरिए कंपनियों ने पैसा जुटाने में काफी बढ़ोतरी की है। 2014 में कंपनियों ने 12,068 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो 2024 तक बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गए। SBI की रिपोर्ट से यह साफ होता है कि भारत की सेविंग परंपरा और आधुनिक निवेश के प्रति झुकाव देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार साबित हो रहे हैं। नई सेविंग योजनाओं और निवेश साधनों का बढ़ता उपयोग देश के आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है।

MoneyControl News

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First Published: Dec 25, 2024 12:18 PM

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