पिछले कई सालों से यह चर्चा होती थी कि विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट में कितने पैसे लगा रहे हैं। अब अमीर भारतीय लोगों के बीच विदेश में निवेश करने का चलन बढ़ रहा है। RBI के डेटा के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में भारतीय लोगों ने 1961.1 करोड़ डॉलर विदेश में निवेश किए हैं। इससे एक साल पहले यह 1268.4 करोड़ डॉलर था।
कुछ स्मार्ट इंडियंस इनवेस्टर्स डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेश में अपना कुछ पैसा इनवेस्ट कर रहे हैं। वे भारत सरकार के Liberalized Remittance Scheme (LRS) का फायदा उठा रहे हैं। इस स्कीम के तहत कोई भारतीय एक फाइनेंशियल ईयर में 2,50,000 डॉलर विदेश भेज सकता है। RBI ने पिछले कुछ सालों में यह लिमिट बढ़ाई है। यह स्कीम 2004 में शुरू हुई थी। तब लिमिट सिर्फ 25,000 डॉलर थी।
पिछले कई सालों से म्यूचुअल फंड्स इंडियन इनवेस्टर्स को विदेशी खासकर अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने की सुविधा देते रहे हैं। कोरोना की महामारी के बाद से यह ट्रेंड बढ़ा है। कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद सरकारों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सहारा देने के लिए सिस्टम में पैसे डालने के उपाय किए थे। इसमें से काफी पैसा स्टॉक मार्केट में गया।
कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद दुनियाभर में घर से काम करने यानी 'वर्क फ्रॉम होम' का चलन बढ़ा है। इस वजह से कंपनियां टेक्नोलॉजी में निवेश कर रही है। इससे आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है। सिर्फ 2021-22 में इंडियंस इनवेस्टर्स ने विदेशी कंपनियों के शेयरों और डेट में 74.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एक साल पहले यह डेटा 47.2 करोड़ डॉलर था।
भारतीयों के विदेश पैसे भेजने की कई दूसरी वजहें भी हैं। इनवेस्टमेंट के अलावा आप LRS के तहत ट्रेवल, हॉलीडेज, मेडिकल ट्रीटमेंट, गिफ्ट्स, डोनेशंस, विदेश में पढ़ाई और यहां तक कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए विदेश पैसे भेज सकते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में भारतीयों ने विदेश 11.3 करोड़ डॉलर की प्रॉपर्टी खरीदी।
भारतीय लंदन से लेकर दुबई और न्यूयॉर्क से कैरिबियन तक प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी बड़ी वजह आकर्षक यील्ड और निवेश की वैल्यू में अच्छी वृद्धि होने की उम्मीद है। कुछ देश विदेशी लोगों को निश्चित अमाउंट निवेश करने पर स्थायी नागिरकता ऑफर करते हैं। विदेश में भारतीय लोगों का निवेश बढ़ने की यह भी एक वजह है।
कुछ भारतीय जो फिजिकल प्रॉपर्टी में निवेश करने को झंझट का काम मानते हैं, वे रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REIT) के जरिए ऐसा कर रहे हैं। इसके अलावा आर्ट और अल्टरनेट इनवेस्ट्मेंट का भी ऑप्शन है। सोने को लेकर भारतीय लोगों का प्रेम जगजाहिर है। कुछ इंडियंस दुबई और मिडिल ईस्ट में दूसरी जगहों पर सोना खरीदना पसंद करते हैं। वे इंपोर्ट ड्यूटी बचाने के लिए ऐसा करते हैं।