इस साल सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) ने अपने रिटर्न से निवेशकों को हैरान किया है। इसमें निवेश करने वाले इनवेस्टर्स जश्न मना रहे हैं। निवेश नहीं करने वाले इनवेस्टर्स को मौका हाथ से निकल जाने का मलाल है। सवाल है कि क्या सिल्वर ईटीएफ में निवेश से जोरदार कमाई का मौका हाथ से निकल गया है?
2025 में चांदी में 61 फीसदी उछाल
Silver की कीमतों में 2025 में जबर्दस्त उछाल आया है। इस साल की शुरुआत में चांदी का भाव 28.92 डॉलर प्रति औंस था। सितंबर के आखिर में यह 46 डॉलर प्रति औंस को पार कर गया। यह 61 फीसदी उछाल है। इसका सीधा असर सिल्वर ईटीएफ के रिटर्न पर पड़ा है। सभी बडे सिल्वर फंडों ने 2025 में 83 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिए हैं।
चांदी में तेजी जारी रहने के आसार
अगर आपने अब तक सिल्वर ईटीएफ में निवेश शुरू नहीं किया है तो अब शुरू कर देना चाहिए। सिल्वर की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। इसकी कई वजहें हैं। चांदी का इस्तेमाल कई इंडस्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग के लिए होता है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पावर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल हैं। अभी चांदी की सप्लाई इसकी डिमांड के मुकाबले कम है। दूसरा, सोने की तरह चांदी भी मुश्किल हालात में आर्थिक सुरक्षा देती है। स्टॉक मार्केट्स और चांदी की कीमतों के बीच बहुत सीधा संबंध नहीं है। ऐसे में हाई इनफ्लेशन और करेंसी से जुड़े रिस्क से यह इनवेस्टर्स को बचाती है।
डॉलर में कमजोरी से चांदी को फायदा
अमेरिका में सितंबर में इंटरेस्ट रेट में कमी से चांदी की चमक बढ़ी है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इस साल अक्टूबर और दिसंबर में भी इंटरेस्ट रेट्स में कमी करने की उम्मीद है। इससे चांदी को सपोर्ट मिलेगा। आम तौर पर अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने से डॉलर में कमजोरी आती है। इससे सोने और चांदी की चमक बढ़ जाती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि डॉलर में कमजोरी से दूसरी करेंसी में सोना और चांदी खरीदना सस्ता हो जाता है।
ऐसे कर सकते हैं सिल्वर ईटीएफ में निवेश
सिल्वर ईटीएफ में निवेश करना आसान है। म्यूचुअल फंड हाउसेज के सिल्वर ईटीएफ मार्केट में उपलब्ध हैं। अगर आपने सिल्वर में निवेश नहीं किया है तो आप सिल्वर ईटीएफ में सिप से निवेश कर सकते हैं। सिल्वर ईटीएफ से होने वाले मुनाफे पर टैक्स लगता है। इसके टैक्स के नियम नॉन-इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तरह हैं। दो साल के बाद बेचने पर मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के तहत आता है। इस पर 12.5 फीसदी टैक्स लगता है। दो साल से पहले बेचने पर मुनाफा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के तहत आता है। इस पर इनवेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है।