इंफोसिस का 18,000 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक प्रोग्राम आज (20 नवंबर) से खुल गया है। यह इंफोसिस का अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक प्रोग्राम है। कंपनी ने इसके लिए प्रति शेयर 18,000 रुपये का प्राइस तय किया है। कंपनी शेयर के करेंट प्राइस पर शेयरहोल्डर्स को अच्छा प्रीमियम ऑफर कर रही है। 20 नवंबर को 2 बजे इंफोसिस के शेयर का प्राइस 1,537 रुपये चल रहा था। क्या इंफोसिस के शेयरों में निवेश करने वाले लोगों को इस शेयर बायबैक प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहिए?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंफोसिस के शेयरहोल्डर्स को इस बायबैक ऑफर में हिस्सा लेने से पहले कुछ बातें जान लेनी चाहिए। खासकर शेयर बायबैक से जुड़े टैक्स के नए नियमों को समझना जरूरी है। इसके बाद ही उन्हें इस बायबैक में हिस्सा लेने के बारे में फैसला करना चाहिए। आइए इस बायबैक से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जानते हैं।
1. क्या आप इस बायबैक में हिस्सा ले सकते हैं
2. शेयर बायबैक पर टैक्स के नए नियम क्या हैं
इंफोसिस ने बायबैक के लिए प्रति शेयर 1800 रुपये की कीमत तय की है। यह अट्रैक्टिव लगता है। लेकिन, टैक्स के नए नियमों का असर जानने के बाद ही पता चलेगा कि यह कीमत कितनी अट्रैक्टिव है। अब बायबैक से होने वाले प्रॉफिट को 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' माना जाता है। फिर इस पर इनवेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। यह टैक्स के नियम में बड़ा बदलाव है। इससे हाई टैक्स स्लैब में आने वाले इनवेस्टर्स को ज्यादा टैक्स देना होगा। पहले प्रॉफिट पर 20% टैक्स कंपनी चुकाती थी।
3. क्या ओपन मार्केट में बेचना फायदेमंद
आपको यह देखना होगा कि बायबैक ऑफर की जगह ओपन मार्केट में शेयरों को बेचने पर आपको कितना प्रॉफिट होगा। अगर आप 12 महीनों के बाद शेयर बेचते हैं तो उस पर 12.5 फीसदी (लॉन्ग टर्म कैटिपल गेंस) टैक्स लगेगा, जबकि इससे पहले बेचने पर 20 फीसदी (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस) टैक्स लगेगा। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एक साल में 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स-फ्री है।
4. टीडीएस के लिए रहना होना तैयार
इंफोसिस बायबैक से शेयरहोल्डर्स को होने वाले प्रॉफिट पर टीडीएस काटेगी। 1,000 रुपये से ज्यादा के अमाउंट पर इसका रेट 10 फीसदी होगा। जो शेयरहोल्डर्स कम टैक्स वाले स्लैब में आते हैं, उन्हें बाद में रिफंड मिल सकता है। इसका असर शॉर टर्म में उनके कैश-फ्लो पर पड़ेगा।
5. बायबैक में प्रमोटर्स नहीं ले रहे हिस्सा
इंफोसिस के प्रमोटर्स ने कहा है कि वे इस बायबैक प्रोग्राम में पार्टिसिपेट नहीं करेंगे। इससे पब्लिक शेयरहोल्डर्स के लिए एक्सेप्टेंस रेशियो बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन, यह फुल एक्सेप्टेंस की गारंटी नहीं है। यह बात खासकर बड़े शेयरहोल्डर्स पर लागू होती है।
6. स्माल शेयरहोल्डर्स के लिए नियम
अगर आपके पास 2 लाख रुपये या इससे कम वैल्यू के इंफोसिस के शेयर हैं तो आप 'स्मॉल शेयरहोल्डर' की कैटेगरी में आएंगे। इससे आप ज्यादा रिजर्व कोटा के तहत आएंगे, जिससे आपके शेयरों के एक्सेप्ट होने की संभावना बढ़ जाएगी।