IRDAI ने गैलेक्सी हेल्थ इंश्योरेंस को दी मंजूरी, पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए लागू किये संशोधित नियम
IRDAI ने 19 मार्च को अपनी बोर्ड बैठक में स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता Galaxy Health and Allied Insurance को पंजीकरण प्रमाणपत्र देने का फैसला किया। कंपनी अब कामकाज शुरू कर सकती है। Aditya Birla Health, ManipalCigna, Niva Bupa जैसी बीमा कंपनियों के बाद यह सातवीं स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनी होगी
पॉलिसीधारकों की हितों की रक्षा के लिए IRDAI ने पॉलिसीधारकों के हितों और बीमाकर्ताओं के संबद्ध मामलों का संरक्षण विनियम, 2024 को भी अंतिम रूप भी दिया
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (The Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) ने 19 मार्च को अपनी बोर्ड बैठक में स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता गैलेक्सी हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस (Galaxy Health and Allied Insurance) को पंजीकरण प्रमाणपत्र देने का फैसला किया। कंपनी अब कामकाज शुरू कर सकती है। आदित्य बिड़ला हेल्थ (Aditya Birla Health), मणिपालसिग्ना (ManipalCigna), निवा बूपा (Niva Bupa) जैसी और इसी तरह की बीमा कंपनियों के बाद यह सातवीं स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनी होगी। गैलेक्सी को स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस के पूर्व चेयरमैन वी. जगन्नाथन (V Jagannathan) द्वारा प्रोमोट किया गया है।
इसके अलावा, इसने आठ नए और संशोधित नियमों को भी मंजूरी दे दी। ये नियम प्रोडक्ट रेगुलेशन (मुख्य रूप से, समर्पण मूल्य मानदंडों में बदलाव), पॉलिसीधारक सुरक्षा, बीमा सुगम आदि से संबंधित हैं। IRDAI ने 22 मार्च को जारी एक प्रेस नोट में कहा, "नियामक प्रशासन ने 34 नियमों को छह नियमों से बदल दिया है। नियामक लैंडस्केप में स्पष्टता और सुसंगतता बढ़ाने वाले दो नए नियमों की शुरूआत भी की है।"
समर्पण शुल्क (surrender charges) को कवर करने वाली प्रोडक्ट गाइडलाइंस
IRDAI ने (बीमा उत्पाद) विनियम, 2024 को मंजूरी दे दी है। लेकिन दिसंबर 2023 में जारी ड्राफ्ट सर्कुलर में बदलावों का विस्तृत विवरण अभी तक सामने नहीं आया है। “ये नियम प्रोडक्ट डिजाइन और प्राइसिंग में गवर्नेंस को बढ़ावा देते हैं। इसमें डिस्क्लोजर के साथ गारंटीकृत समर्पण मूल्य और विशेष समर्पण मूल्य को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों को मजबूत करना भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, नियम नवीन बीमा उत्पादों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।'' ऐसा नियामक ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बीमा नियामक ने अपने दिसंबर 2023 के मसौदे पर कायम रहने का फैसला किया है। इसने कम समर्पण शुल्क (पॉलिसी से बंद करने पर दंडात्मक शुल्क) का प्रस्ताव दिया था। इसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि यदि पॉलिसीधारक समय से पहले पॉलिसी बंद (premature exit) करते हैं तो उन्हें अपने प्रीमियम का अधिक हिस्सा वापस मिल जाएगा।
उदाहरण के लिए, वर्तमान में, दूसरे वर्ष के प्रीमियम का भुगतान करने के बाद अपनी पॉलिसी सरेंडर करने वाला पॉलिसीधारक अपने प्रीमियम का केवल 30 प्रतिशत वापस पाने का हकदार है। यदि IRDAI के दिसंबर ड्राफ्ट को उसके वर्तमान स्वरूप में फाइनल किया जाता है, तो यह 'प्रीमियम रिफंड' थ्रेशोल्ड प्रीमियम के आधार पर 175 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। ड्राफ्ट पेपर में ऐसी एक अवधारणा पेश की गई है।
अधिकांश जीवन बीमाकर्ता प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन डिजिट लाइफ इंश्योरेंस सहित कुछ निजी बीमाकर्ताओं ने मसौदा नियमों का समर्थन किया था।
बोर्ड ने बीमा सुगम की स्थापना और कंपनी को नियंत्रित करने के लिए नियमों को भी मंजूरी दे दी। ये पॉलिसियों की खरीद, बिक्री और सर्विसिंग के साथ-साथ दावों के निपटान के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक बीमा बाजार (electronic insurance marketplace) होगा। आईआरडीएआई ने कहा, "यह बाज़ार ग्राहकों, बीमाकर्ताओं, मध्यस्थों और एजेंटों सहित सभी बीमा हितधारकों के लिए वन-स्टॉप समाधान (one stop solution) के रूप में काम करेगा। जिससे संपूर्ण बीमा मूल्य श्रृंखला में पारदर्शिता, दक्षता और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।"
पॉलिसीधारक सुरक्षा नियम
IRDAI ने पॉलिसीधारकों के हितों और बीमाकर्ताओं के संबद्ध मामलों का संरक्षण विनियम, 2024 को भी अंतिम रूप दिया, जिसके लिए मसौदा मानदंड फरवरी में जारी किए गए थे।
आईआरडीएआई ने कहा, "ये नियम बीमाकर्ताओं और डिस्ट्रीब्यूशन चैनलों द्वारा शिकायत निवारण और पॉलिसीधारक-केंद्रित गवर्नेंस सहित पॉलिसीधारकों के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए स्टैंडर्ड प्रोसीजर्स और बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाने पर जोर देते हैं।"
IRDAI द्वारा विस्तृत सर्कुलर जारी करने के बाद आने वाले दिनों में इन नियमों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा और इन्हें स्पष्ट किया जा सकेगा। पहले के मसौदे में फ्री-लुक अवधि को 15 दिनों से 30 दिनों तक बढ़ाने का प्रस्ताव था। फ्री लुक अवधि वह समय होता है जिसके दौरान पॉलिसीधारक उन बीमा पॉलिसियों को वापस कर सकते हैं जो उन्हें खरीद के बाद अनुपयुक्त लगती हैं।
यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी वापस करने का निर्णय लेता है, तो बीमा कंपनी को चिकित्सा जांच से जुड़े शुल्कों के अलावा, फ्री-लुक अवधि के दौरान लागू जोखिम प्रीमियम का औसत, स्टाम्प शुल्क यदि कोई हो, की कटौती के बाद खरीद के समय भुगतान किया गया प्रीमियम वापस करना होगा।
IRDAI ने अधिकांश पॉलिसियों को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप (electronic form) में जारी करना अनिवार्य बनाने का भी प्रस्ताव दिया था।