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PMFBY: फसल बीमा के लिए हर 100 रुपए के प्रीमियम पर किसानों को बस ₹514 रुपए मिले

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत देश भर के किसानों को 100 रुपये प्रीमियम के लिए उन्हें दावे के तौर पर लगभग 514 रुपये दिए गए हैं। राज्यसभा को दिए गए अपने एक लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि साल 2016 में PMFBY के शुरू होने के बाद से इसमें अब तक लगभग 38 करोड़ किसान आवेदकों को नामांकित किया गया है

अपडेटेड Mar 24, 2023 पर 10:35 PM
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PMFBY: फसल बीमा के लिए हर 100 रुपए के प्रीमियम पर किसानों को बस ₹514 रुपए मिले

देश भर के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये प्रीमियम के लिए उन्हें दावे के तौर पर लगभग 514 रुपये दिए गए हैं। इस बात की जानकारी खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में दी। राज्यसभा को दिए गए अपने एक लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि साल 2016 में PMFBY के शुरू होने के बाद से इसमें अब तक लगभग 38 करोड़ किसान आवेदकों को नामांकित किया गया है और इसके तहत अभी तक 12.37 करोड़ से भी ज्यादा दावे मिल चुके हैं।

प्रीमियम के तौर पर किया गया कितना भुगतान

इस अवधि के दौरान किसानों को प्रीमियम के हिस्से के तौर पर लगभग 25,252 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इसमें 1,30,015 करोड़ रुपये (प्रोविजनल) से अधिक के दावों का भुगतान किया गया है। इस तरह, किसानों द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के प्रीमियम के लिए, उन्हें दावों के रूप में लगभग 514 रुपये प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को किसानों के लिए हाई प्रीमियम रेट और कैपिंग के चलते बीमा रकम में कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए शुरू किया गया था।

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सभी राज्यों और केंद्र साशित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है ये योजना

एक अलग जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है और उनके लिए स्वैच्छिक है। किसानों के लिए यह भी स्वैच्छिक है कि वे अपनी जोखिम धारणा के अनुसार खुद को नामांकित कर सकते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ये योजना जनरल बीमा कंपनियों के जरिए चलाई जाती है। बोली प्रक्रिया के जरिए संबंधित राज्य सरकार की तरफ से बीमा कंपनी को चुना जाता है। योजना के तहत क्लस्टर या जिलों और फसलों को संबंधित राज्य सरकारों की तरफ से अधिसूचित भी किया जाता है।

क्या है इस योजना की खासियत

किसानों के अनुभव और उनके दिए गए सुझावों या मांगों के आधार पर समय समय पर इस योजना की समीक्षा करते हुए इसमें सुधार भी किया गया है। खरीफ 2020 सीजन से प्रभावी इस नई योजना में किसानों को ध्यान में रखते हुए कई सारी खास बातों को जोड़ा गया है। जैसे कि इस योजना में सभी किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी, तीन साल के लिए राज्यों की तरफ से बीमा कंपनियों का चयन करना, फसल उपज अनुमान का टू स्टेज प्रोसेस, सैटेलाइट डेटा के जरिए स्मार्ट सैंपलिंग तकनीकी के जरिए फसल काटना आदि इस योजना में शामिल है।

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