Simpolo Group का मेगा प्लान, 1000 करोड़ रुपये का होगा इंवेस्टमेंट, गुजरात-आंध्र में लगेंगे प्लांट
सिंपोलो ग्रुप आने वाले 2-3 सालों में 1000 करोड़ का इंवेस्टमेंट करके अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को तीन गुना बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है इसके लिए सिंपोलो ने दो नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्टैबलिश करने की प्लानिंग की है
कंपनी की ओर से आने वाले वर्षों में बड़ा इंवेस्टमेंट किया जाएगा।
Simpolo: सिरेमिक प्रोडक्शन कंपनी सिंपोलो आने वाले 2-3 सालों में 1000 करोड़ का इंवेस्टमेंट करके अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को तीन गुना बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए सिंपोलो ने दो नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्टैबलिश करने की प्लानिंग की है। ये दो नए प्लांट गुजरात और आंध्रप्रदेश में खुलेंगे।
गुजरात
सिंपोलो का पहला प्लांट मालिया, मोरबी, गुजरात में होगा। यह 86 एकड़ में फैला हुआ रहेगा, जिसमें 650 करोड़ का इंवेस्टमेंट होगा। ये प्लांट फाइनेंशियल ईयर 2026 में शुरू होगा। इस प्लांट के ऑपरेट होने से 400 नई नौकरियां निकाली जाएंगी, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। इस प्लांट के तहत इनोवेशन और विशिष्टता के साथ सिरेमिक इंडस्ट्री में सिंपोलो आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
आंध्र प्रदेश
दूसरा प्लांट नायडूपेटा, तिरुपति, आंध्र प्रदेश में होगा। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में नायडूपेटा प्लांट 83 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 350 करोड़ का इंवेस्टमेंट होगा। ये प्लांट फाइनेंशियल ईयर 2025 में शुरू होगा। इस प्लांट के तहत सालाना 13.2 मिलियन स्कावर मीटर प्रोडक्शन करने का टारगेट रहेगा। इस प्लांट के ऑपरेट होने से 300 नई नौकरियों के साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
सिरेमिक इंडस्ट्री को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद
सिंपोलो ग्रुप के सीएमडी, जितेंद्र अघारा का इस मामले में कहना है कि मालिया और नायडूपेटा प्लांट्स की स्थापना के साथ, 1000 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट सिंपोलो ग्रुप की शानदार 30 साल की जर्नी का एक महत्वपूर्ण पल है। इस इंवेस्टमेंट से इंडिया में सिरेमिक इंडस्ट्री को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलेगी। इनोवेशन, क्वालिटी और कस्टमर सेटिफेक्शन पर हमें विश्वास है। ये इंवेस्टमेंट देश के लिए एक बेंचमार्क का काम करेगा। इतना ही नहीं, हमें देश में टाइल इंडस्ट्री और रियल एस्टेट डेवलपमेंट में भी शानदार फ्यूचर दिख रहा है।
बता दें सिंपोलो ग्रुप की सहायक कंपनी नेक्सियन पहले से ही मोरबी में एक फैसिलिटी ऑपरेट करती है, जो सालाना 6.6 मिलियन वर्ग मीटर का प्रोडक्शन करती है।