Credit Cards

Cryptocurrencies News| पिछले साल 18% सुपर-रिच इंडियंस ने क्रिप्टोकरेंसीज में किया इनवेस्ट : रिपोर्ट

सुपर रिच या अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स ऐसे लोगों को कहा जाता है, जिनका नेटवर्थ करीब 226 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है

अपडेटेड Mar 02, 2022 पर 3:54 PM
Story continues below Advertisement
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनवेस्टर्स के सेलेक्ट करने के लिए अभी 8,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसीज सर्कुलेशन में हैं। इसके अलावा कई एनएफटी भी हैं। सर्वे में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि क्रिप्टो में इनवेस्ट करने की अनिच्छा की वजह सिक्योरिटी से जुड़ी चिंता है।

पिछले साल करीब 20 फीसदी इंडियन अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWI) ने क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrencies) में इनवेस्ट किया। नाइट फ्रैंक (Knight Frank) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स ऐसे लोगों को कहा जाता है, जिनका नेटवर्थ करीब 226 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है। इंडिया में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसी के सबसे ज्यादा इनवेस्टर्स इंडिया में हैं।

नाइट फ्रैंक ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट रिलीज की। इसमें कहा गया है कि दुनिया में अब 18 फीसदी अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स के पास क्रिप्टोकरेंसी है। 11 फीसदी यूएचएनडब्ल्यूआई ने नॉन-फंजिबल टोकेंस (NFT) में इनवेस्ट किया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक इंडिया की बात है तो 18 फीसदी सुपर रिच लोगों ने क्रिप्टो एसेट्स में निवेश किया है। वेल्थ रिपोर्ट के लिए 2018 में ब्लॉकचेंस और एनएफसी की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया गया था। तब सर्वे में शामिल एक-तिहाई लोगों ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि उनके क्लाइंट्स ने क्रिप्टो और ब्लॉकचेंस के बारे में सुना होगा।


यह भी पढ़ें : 10 मार्च के बाद आम लोगों को लगेगा झटका, इतना रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएगा पेट्रोल और डीजल का दाम

2018 में सर्वे में शामिल सिर्फ 14 फीसदी लोगों ने कहा था कि वैल्थ मैनेजमेंट के तरीके पर ब्लॉकचेंस का बड़ा असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, "2021 वह साल है, जब क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट मेनस्ट्रीम में आ गया। इस सेक्टर की ग्रोथ चौंकाने वाली रही है। 2021 के अंत में क्रिप्टोएसेट्स की ग्लोबल वैल्यू 2.4 लाख डॉलर थी। यह 2020 की शुरुआत के मुकाबले 12 गुना है।"

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनवेस्टर्स के सेलेक्ट करने के लिए अभी 8,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसीज सर्कुलेशन में हैं। इसके अलावा कई एनएफटी भी हैं। सर्वे में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि क्रिप्टो में इनवेस्ट करने की अनिच्छा की वजह सिक्योरिटी से जुड़ी चिंता है। करीब 60 फीसदी लोगों ने कहा कि यूएचएनडब्ल्यूआई अब भी मार्केट को ठीक तरह से नहीं समझते हैं।

सर्वे में शामिल कई लोगों का मानना था कि क्रिप्टो में होने वाला उतार-चढ़ाव एक बड़ी चिंता है। हालांकि, कई लोगों ने इसी उतार-चढ़ाव को क्रिप्टो का मुख्य आकर्षण बताया। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी ने इनवेस्टर्स को बहुत रिटर्न दिया है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।