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RBI फिर सस्ता कर सकता है होम, कार और पर्सनल लोन; SBI रिसर्च ने बताई वजह

RBI Repo Rate: SBI रिसर्च के मुताबिक, RBI 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते हो सकते हैं। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Sep 28, 2025 पर 6:50 PM
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RBI ने इस साल फरवरी से अगस्त के बीच तीन चरणों में रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी।

RBI MPC: होम लोन, कार लोन से लेकर पर्सनल लोन तक जल्द ही सस्ता हो सकता है। SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, RBI के लिए 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती 'सबसे सही विकल्प' हो सकती है। हालांकि, कुछ अन्य एक्सपर्ट का मानना है कि केंद्रीय बैंक की रेगुलर रेट-सेटिंग कमेटी (Monetary Policy Committee - MPC) 1 अक्टूबर को होने वाली द्विमासिक नीति में शायद मौजूदा दरों पर ही रहे।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली MPC सोमवार (29 सितंबर) से तीन दिन की बैठक शुरू करेगी। इसमें नीति दर (policy rate) पर चर्चा होगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा है और अमेरिका ने भारतीय एक्सपोर्ट पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। अंतिम फैसला 1 अक्टूबर (बुधवार) को सामने आएगा।

पिछली दरों और हाल की स्थिति


RBI ने इस साल फरवरी से अगस्त के बीच तीन चरणों में रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। इसकी वजह थी कि खुदरा महंगाई (CPI) से जनता को काफी राहत मिली थी। हालांकि, अगस्त में MPC ने दरों को जस का तस रखा। यह फैसला अमेरिकी टैरिफ और अन्य वैश्विक घटनाओं को देखते हुए लिया गया।

SBI की स्टडी के मुताबिक, आगामी मीटिंग में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गुंजाइश है। क्योंकि खुदरा महंगाई अगले वित्त वर्ष में भी नियंत्रित रहने की उम्मीद है।

 8. लोन की अवधि का असर लोन का टेन्योर जितना लंबा होगा, कुल ब्याज का बोझ उतना ज्यादा होगा। छोटी अवधि का लोन लेने पर EMI थोड़ी बड़ी होगी लेकिन ब्याज की बचत काफी होगी। इसलिए अपनी क्षमता के हिसाब से संतुलित अवधि चुनना बेहतर रहता है।

रेट कट पर एक्सपर्ट्स की राय

धर्मकीर्ति जोशी, चीफ इकोनॉमिस्ट, Crisil Limited: जोशी के मुताबिक, अक्टूबर में रेपो रेट में कटौती मुमकिन है क्योंकि महंगाई अपेक्षा से कम है। कोर इंफ्लेशन (Core Inflation) अभी भी ऐतिहासिक मानकों के अनुसार कम है। GST सुधार से महंगाई और कम हो सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में अपने रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। यह RBI को पॉलिसी में कुछ लचीलापन देता है।

मदन सबनवीस, चीफ इकोनॉमिस्ट, बैंक ऑफ बड़ौदा: सबनवीस का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद काफी कम है। महंगाई लक्ष्य 4 प्रतिशत से काफी नीचे है और सालाना विकास दर 6.5 प्रतिशत के ऊपर रहने की संभावना है। ऐसे में रेपो रेट में शायद ही कोई बदला हो। भविष्य में अगर एक्सपोर्टर्स के लिए कोई पैकेज आए, तो कटौती पर विचार किया जा सकता है।

अदिति नायर, चीफ इकोनॉमिस्ट, ICRA: GST दरों के सुधार (5% और 18% दो-स्लैब स्ट्रक्चर ) से CPI में 25-50 बेसिस प्वाइंट की कमी आ सकती है। अक्टूबर-नवंबर में महंगाई नए निचले स्तर पर जा सकती है, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है। इसलिए, रेपो रेट में बदलाव न होने की संभावना अधिक है।

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रेपो रेट कट का प्रभाव

RBI के लेटेस्ट बुलेटिन के मुताबिक, फरवरी से अगस्त 2025 तक कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती हुई है। इसका बैंकिंग लेंडिंग और डिपॉजिट रेट्स पर असर काफी मजबूत रहा है। हालांकि, अब देखने वाली बात यह रहेगी कि GST सुधार, अमेरिकी टैरिफ और रुपये में कमजोरी के बीच RBI का रेपो रेट पर क्या फैसला रहता है।

(PTI से इनपुट के साथ)

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