पिछले कुछ वक्त के दौरान देश के लगभग हर एक बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ा दिया है। कुछ बैंक अपने ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर 8-9 फीसदी के हिसाब से रिटर्न का फायदा दे रहे हैं। बता दें कि पिछले एक साल के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई बार रेपो रेट में इजाफा किया है। जिसके बाद फिलहाल रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर है।
एफडी लेते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप भी बढ़े हुए इंटरेस्ट की वजह से एफडी योजनाओं में अपना पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। कई सारे स्मॉल फाइनेंस बैंक अपने ग्राहकों को एफडी काफी शानदार इंटरेस्ट की पेशकश कर रहे हैं। वहीं प्राइवेट सेक्टर और सरकारी दोनों ही तरह के बैंक अपने ग्राहकों को ज्यादा ब्याज दरों का फायदा दे रहे हैं। जैसे कि सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक अपने ग्राहकों को 9.1 फीसदी और यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक अपने ग्राहकों को 9 फीसदी के हिसाब से इंटरेस्ट रेट का फायदा दे रहा है।
फिनटेक स्टार्टअप किफायत के फाउंडर और सीईओ शावीर बंसल का कहना है कि हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि आम तौर पर ज्यादा इंटरेस्ट के साथ ज्यादा जोखिम भी जुड़ा होता है। चूंकि स्मॉल फाइनेंस बैंक पारंपरिक और बड़े बैंकों की तुलना में नए और छोटे होते हैं इसी वजह से उनका कैपिटल बेस भी छोटा होता है। इसी वजह से ऐसे बैंकों में जोखिम का भी चांस होता है। वहीं बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि ज्यादा इंटरेस्ट रेट आपके निवेश पर ज्यादा रिटर्न देता है। हालांकि अगर ब्याज दरें दूसरों के मुकाबले ज्यादा हैं तो वहां पर जोखिम भी ज्यादा ही होगा।
अलग अलग बैंकों में करें निवेश
इनवेस्टमेंट टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म फिक्स्ड के फाउंडर और सीईओ अक्षर शाह का कहना है कि हमें हमेशा अपना निवेश अलग अलग बैंकों में रखना चाहिए। अलग अलग बैंक अलग अलग इंटरेस्ट रेट का फायदा देते हैं। आदिल शेट्टी का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप अपना पैसा कहां पर लगा रहे हैं। शेट्टी का मानना है कि ट्रस्ट, सर्विस, डाइवर्सिटी, ऑफर और कस्टमर सर्विस पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। इसके अलावा आपको यह भी जांचना जरूरी है कि क्या बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत कवर किया गया है, जैसे कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC), जो 5 लाख रुपये तक के दावों का बीमा करता है। डीआईसीजीसी एफडी निवेशकों को सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर देता है। इसके अलावा आपके लिए अलग अलग अवधि के बीच फ्लेक्सिबिलिटी बनाना भी जरूरी है।
मेच्योरिटी के बारे में भी कर लें पता
इसके अलावा कभी कभी आपको एफडी की मेच्योरिटी से पहले भी इससे पैसा निकलवाना पड़ सकता है। ऐसे में आपको इस पर कितना फाइन लग सकता है इस बारे में भी जानकारी कर लेना चाहिए। साथ ही आपको बैंक एफडी में पैसा लगाने से पहले बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन के बारे में भी जान लेना चाहिए। शावीर बंसल का कहना है कि आपको जिस भी बैंक में पैसा जमा करना है उसका कैपिटल रेशियो, प्रॉफिट, लिक्विडिटी और मैनेजमेंट जरूर चेक कर लेना चाहिए। इसके अलावा आपको बैंक की क्रेडिट रेटिंग की जांच करना चाहिए। इसके अलावा आपको अपने घर के नजदीक स्थित बैंक में पैसा जमा करना चाहिए। कभी कभी ऐसे हालात आते हैं जब आरबीआई द्वारा बैंकों से पैसा निकालने से मना कर दिया जाता है।
अलग अलग जगह निवेश करने से होता है फायदा
शेट्टी का यह कहना है कि अगर आपका खाता काफी लंबे वक्त से किसी बैंक में है और वो फाइनेंशियल क्राइसिस में है तो इससे आपके पूरे निवेश पर खतरा हो सकता है। अगर आप अलग अलग जगहों पर अपना पैसा रखते हैं तो इससे जोखिम कम होगा। इसके अलावा कई बार ऐसा भी होता है कि दूसरे बैंक आपके बैंक के मुकाबले ज्यादा बेहतर इंटरेस्ट ऑफर करते हैं।
अब नहीं बढ़ाया जाएगा रेपो रेट
बंसल का कहना है कि अब रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफा नहीं करेगा। अगर महंगाई कंट्रोल में रहती है तो रेपो रेट के कम होने की उम्मीद भी की जा सकती है। चूंकि फिलहाल रेपो रेट की वजह से एफडी पर ज्यादा इंटरेस्ट मिल रहा है ऐसे में यह एफडी योजनाओं में निवेश का एक सबसे बेहतर समय हो सकता है।