मौजूदा वक्त में कई सारे बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ा दिया है। बैंकों के साथ साथ सरकार ने पोस्ट ऑफिस की कुछ योजनाओं पर भी दिए जाने वाले ब्याज मे संशोधन किया है। मौजूदा वक्त में पोस्ट ऑफिस की तरफ से संचालित की जाने वाली योजना नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) लोगों को उनके निवेश पर काफी शानदार रिटर्न ऑफर कर रही है। ऐसे में हमारे लिए यह समझना जरूरी हो जाता है कि बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस की NSC स्कीम में हमें सबसे ज्यादा फायदा कहां मिल रहा है।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर बढ़ाया गया है ब्याज
केंद्र सरकार ने 2023 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) की ब्याज दर में 70 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। पिछली तिमाही के लिए एनएससी की ब्याज दर 7 फीसदी थी। ब्याज में इस ताजा इजाफे के बाद इस योजना पर मिलने वाला ब्याज 7.7 फीसदी का हो गया है। वहीं अगर बैंक एफडी की बात करें तो लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक दोनों ही आम ग्राहकों को 7 फीसदी के आस पास इंटरेस्ट रेट का फायदा दे रहे हैं। हालांकि कई सारे बैंक सीनियर सिटीजन्स की कटेगरी में आने वाले ग्राहकों को 9 फीसदी तक का इंटरेस्ट रेट भी ऑफर कर रहे हैं।
कितनी रकम से शुरू कर सकते हैं NSC में इनवेस्टमेंट
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र या NSC केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली डाकघर बचत योजना है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में निवेश की जाने वाली न्यूनतम राशि 1,000 रुपये है और इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। हालांकि इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड है। जो लोग भारत के निवासी हैं वे एनएससी में निवेश कर सकते हैं। इसमें ज्वाइंट अकाउंट भी ओपन किया जा सकता है। नाबालिग के नाम पर भी एनएससी खरीदा जा सकता है। आप पोस्ट इंटरनेट बैंकिंग विभाग के माध्यम से एनएससी में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। आप नकद, चेक और बैंक डिमांड ड्राफ्ट सहित अन्य भुगतान माध्यमों से राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र खरीदने के लिए अपनी निकटतम डाकघर शाखा में भी जा सकते हैं।
एफडी और NSC क्या है ज्यादा बेहतर
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) की अवधि पांच वर्ष है। टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि भी पांच साल की होती है। वहीं 1 अप्रैल से NSC पर मिलने वाला ब्याज 7.7 फीसदी का हो गया है। यह योजना आपको चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा देती है जिससे कि आपको मेच्योरिटी के वक्त ज्यादा रिटर्न का फायदा मिलता है। NSC में आप कितना भी पैसा जमा कर सकते हैं जबकि टैक्स सेविंग एफडी में केवल 1.5 लाख रुपये ही जमा किए जा सकते हैं। व्यक्ति आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर-बचत सावधि जमा बुक करने या एनएससी में निवेश करने के लिए 1.5 लाख रुपये तक की आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं। एनएससी और कर-बचत सावधि जमा दोनों पर अर्जित ब्याज आय निवेशकों के कर दायरे के अनुसार कर योग्य है। हालांकि NSC में आपके पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय धारा 80सी के तहत एनएससी से अर्जित ब्याज पर कर कटौती का दावा करने का विकल्प है।