बुजर्गों के लिए उनके पैसों को सही तरह से निवेश करने के लिए सरकार की तरफ से वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) चलाई जा रही है। इस योजना में 60 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। इस योजना की अवधि पांच सालों के लिए है और इसमें बुजुर्गों को 8.2 फीसदी के हिसाब से इंटरेस्ट का फायदा मिलता है। हालांकि जहां इस योजना में कई सारे फायदे मिलते हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइये जानते हैं इस योजना से जुड़े फायदे और नुकसान दोनों के ही बारे में।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बुजुर्गों को टैक्स बेनिफिट मिलता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80-सी के तहत यह स्कीम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ देती है। इसके अलावा यह बुजुर्गों के लिए बिलकुल ही सुरक्षित निवेश विकल्प भी हैय़ इसमें सरकारी सुरक्षा की गारंटी मिलती है। इस योजना में मैक्सिमम 30 लाख रुपये इनवेस्ट किए जा सकते हैं। खाता खुलने के एक साल बाद निवेशक अपना पैसा निकाल सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति खाता खोलने के एक वर्ष के भीतर खाता बंद करने का निर्णय लेता है, तो कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और मूल राशि वापस कर दी जाएगी।
क्या हैं इस योजना के नुकसान
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) के तहत हर तिमाही में ब्याज मिलता है। यदि खाताधारक द्वारा ब्याज का दावा नहीं किया जाता है, तो उस पर कोई अतिरिक्त पैसा नहीं कमाया जाएगा। किसी वित्तीय वर्ष में कुल ब्याज 50,000 रुपये से अधिक होने पर एससीएसएस खाते में अर्जित ब्याज पर टीडीएस भी काटा जाता है। योजना के तहत ब्याज दर को बदला भी गया है। ऐसे में जिन्होंने उससे पहले अपना अकाउंट खुलवाया है उनको पहले के हिसाब से ही ब्याज मिलेगा। ज्यादा ब्याज का फायदा लेने के लिए आपको नया अकाउंट खोलना होगा। इस योजना का केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ही लाभ उठा सकते हैं। 50 से 60 वर्ष के बीच के रक्षा कर्मचारी या 55 से 60 वर्ष के नागरिक कर्मचारी योजना में निवेश कर सकते हैं, बशर्ते उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प चुना हो।