अपने पैसों को तेजी से बढ़ाने के लिए उनका इनवेस्टमेंट काफी जरूरी है। ऐसे में कई सारे लोग अपने पैसों को म्यूचुअल फंड या फिर एसआईपी (Mutual Fund And SIP) में इनवेस्ट करते हैं। हालांकि इन दोनों में ही इनवेस्टमेंट की कॉन्टिन्यूटी को बनाए रखना भी बोहद जरूरी है। एसआईपी एक सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट है। यह किसी इनवेस्टर्स को अपने मनपसंद के नम्युचुअल फंड में इनवेस्ट करने की सहूलियत देता है। हालांकि अक्सर आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि अगर आपने अपनी किश्त को जमा नहीं किया तो क्या होगा।
कैसे जमा की जाती है SIP की किश्त
आप मंथली, तिमाही या फिर हर छह महीने पर अपनी SIP की किश्त को जमा कर सकते हैं। आज कल कई सारे लोग किश्त को जमा करने के लिए ऑटो डेबिट के ऑप्शन को भी चुनते हैं। हालांकि इसके लिए आपके बैंक अकाउंट में किश्त जितनी रकम होनी ही चाहिए। अगर आपके अकाउंट में यह रकम नहीं है तो आपको काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ेगा।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप केवल एक बार या दो बार ही SIP की किश्त नहीं भरते हैं तो इससे आपके ऊपर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर आप लगातार तीन बार अपनी किश्त को जमा नहीं करते हैं तो फंड फर्म आपकी एसआईपी को टर्मिनेट भी कर सकती है। ECS के नियम कहते हैं कि डेबिट की रिक्वेस्ट फंड हाउस को कम से कम तीन महीने पहले भेजना चाहिए। अगर आपने किसी बैंक की एसआईपी स्कीम में इनवेस्ट किया है तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जैसे कि ICICI बैंक किश्त ना भरने पर 350 रुपये का जुर्माना लगाता है।
डिले कर सकते हैं किश्त का पेमेंट
अगर आपके बैंक में एसआईपी के लिए रकम नहीं मौजूद है तो आप बैंक को इंफॉर्म करके कुछ वक्त के लिए अपनी किश्त को डिले भी कर सकते हैं। ऐसा आप ऑनलाइन या फिर ब्रांच जाकर दोनों ही तरीकों से कर सकते हैं। बता दें कि इस प्रोसेस में 10-30 दिन का वक्त भी लग सकता है। साथ ही सभी फंड हाउस इसकी सुविधा नहीं देते हैं।